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होली आई होली आई.....

मधुशाले भी बोल रहे.... होली आई होली आई
भंग घुटेगी रस गन्ने में होली आई होली आई
है सरकारी फ़रमान ....
प्यारे बन्द रहेगी दुकान
साकी अकेली प्याले अकेले
हथ जोड़ करें आह्वान

आजा ..आ जाओ श्रीमान 
बोतल... अद्दी पउआ ले जा
रम भिस्की ए दउआ ले जा
भर लो... सारो मकान
ओ बन्द रहेगी दुकान
मयखाने भी बोल रहे होली आई होली आई
रंग घुलेंगे दंग रहेंगे होली आई होली आई
इक दिन पहले प्यारे ले जा
ज़ाम जहां के न्यारे ले जा
बम भोले का प्रसाद बटे
प्यारों का अवसाद घटे
बन्द रहेंगी दुकान
है सरकारी फ़रमान
खुला निमंत्रण पाकर देखो
ट्रेन टिकट सा हल्ला है
लाइन मे हर इक ठल्ला है
मंहगाई की मार बता के
पत्नी को बहका आया है
बिन गुझिया के बच्चे माने
फ़िर भी सुना दिये है ताने
तब का खाली खल्ला ले
लाइन खड़ा वो झल्ला है
बन्द रहेंगी दुकान
है सरकारी फ़रमान
मधुशाले भी बोल रहे होली आई होली आई
पंक सने मेहमान देखो होली आई होली आई
@आनन्द 05/03/2015   "मौलिक व अप्रकाशित

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Comment by गिरिराज भंडारी on March 8, 2015 at 4:06pm

अच्छी प्रस्तुति , आदरणीय बधाइयाँ ।

Comment by Hari Prakash Dubey on March 8, 2015 at 12:35pm

भाई आनंद जी सुन्दर प्रयास है , हार्दिक बधाई !

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 6, 2015 at 11:22am

आनंद जी

अच्छा प्रयास है i बेहतर की उम्मीद करता हूँ i  सस्नेह i

कृपया ध्यान दे...

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