For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बचपन को बचपन ही रहने दो - डॉ o विजय शंकर

( चित्र काव्य पर एक अलग द्दृष्टि - चामत्कारिक कल्पनाओं से हट कर )

एक हाथ में राखी का भार
दूसरे में ध्वज बना तलवार ,
पैर पादुका नहीं ,वस्त्र नीवी नहीं
सामने कोई रास्ता दिखता नहीं ,
मंजिल कोई उसे बताता नहीं
उमंग छोड़ कुछ भी पास है नहीं ,
दूर कहाँ तक जाएगा यह अबोध
जल्दी ही लौट आएगा यह अबोध |
अर्द्धनग्न आधा पेट खायेगा सो जाएगा
दिन ढले रात ढलेगी नया सवेरा आएगा
वो उत्साहित फिर थोड़ी दौड़ लगाएगा
ऐसे ही उसका जीवन बढ़ता जाएगा |
सरसठ साल हुए उसने क्या खोया क्या पाया
हमने मान लिया वो नया सवेरा लाएगा |
उसके पद चिन्हों को पथ पर मत खोजो ,मत देखो
जो चिन्ह बनाये पथ ने उन पैरों पर ,वे देखो
बच्चे को पहले एक सुरक्षित बचपन दो
उम्र खेलने की है उसकी , खेलने दो |
हौसलों से बढ़ान उड़ान होती है पर
पहले पैरों व पंखों को ताक़त तो दो ,
बच्चे हैं , खिलौनों से खेलने व सीखने दो
सत्ता के खेल सत्ताधीशों को खेलने दो |
बड़ी बड़ी बातों के सिवा हमने उन्हें दिया क्या
बचपन जरूर हम उनसे छीनते आएं हैं |
न ऐसा करो, न सोचो , न सपने देखो
अभी तक हम यही तो करते आये हैं ,
जिन हाथों में खिलौने होने चाहिए उन्हें
पतवार की जिम्मेदारी देते आये हैं ,
जिन हाथों में पतवार का भार चाहिए था
वो हर चीज से खेलते सीखते आये हैं |

मौलिक एवं अप्रकाशित.
डा० विजय शंकर

Views: 596

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Vijai Shanker on August 19, 2014 at 10:21am
आदरणीय गिरिराज भंडारी जी , चित्र आधारित रचना को अपनी स्वीकृति देकर आपने इसका मान बढ़ाया , विचारों से आपकी सहमति से रचना को मान्यता मिलती हैं , आपकी बधाई के लिए धन्यवाद .
Comment by Dr. Vijai Shanker on August 19, 2014 at 10:08am
प्रिय जितेंद्र जी , आपको चित्र आधारित गंभीर रचना पसंद आई , अच्छा लगा , बधाई के लिए बहुत बहुत धन्यवाद .
Comment by Dr. Vijai Shanker on August 19, 2014 at 10:05am
आदरणीय कल्पना मिश्रा बाजपेयी जी , आपको चित्र आधारित रचना पसंद आई , अच्छा लगा , बधाई के लिए बहुत बहुत धन्यवाद .

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on August 19, 2014 at 8:01am

आपके विचारों से , चिंतन से सहमत हूँ , आदरणीय , बहत सही | आपको दिली बधाइयाँ !

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 18, 2014 at 9:41pm

बहुत बढ़िया चिंतन. बधाई आपको आदरनीय

Comment by kalpna mishra bajpai on August 18, 2014 at 8:45pm

बच्चे हैं , खिलौनों से खेलने व सीखने दो
सत्ता के खेल सत्ताधीशों को खेलने दो |.................... आ० आप को बहुत बधाई 

Comment by Dr. Vijai Shanker on August 18, 2014 at 8:03pm
आदरणीय जवाहर लाल सिंह जी ,
रचना को मान्यता देकर स्वीकार करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद .
Comment by JAWAHAR LAL SINGH on August 18, 2014 at 7:52pm

अभी तक हम यही तो करते आये हैं ,
जिन हाथों में खिलौने होने चाहिए उन्हें
पतवार की जिम्मेदारी देते आये हैं ,
जिन हाथों में पतवार का भार चाहिए था
वो हर चीज से खेलते सीखते आये हैं |

मनन करने योग्य चिंतनीय रचना,  आदरणीय डॉ साहब!

Comment by Dr. Vijai Shanker on August 18, 2014 at 5:03pm
आदरणीय लक्षण प्रसाद लाडीवाला जी ,
रचना को स्वीकार कर मान्यता देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद .
Comment by Dr. Vijai Shanker on August 18, 2014 at 4:59pm
आदरणीय गोपाल नारायण जी ,
रचना को मान्यता देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद .

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आदरणीय श्याम जी, हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आदरणीय सुशील सरना जी, हार्दिक आभार आपका। सादर"
2 hours ago

प्रधान संपादक
योगराज प्रभाकर posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है। इस बार…See More
8 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

कुंडलिया छंद

आग लगी आकाश में,  उबल रहा संसार।त्राहि-त्राहि चहुँ ओर है, बरस रहे अंगार।।बरस रहे अंगार, धरा ये तपती…See More
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर

कहूं तो केवल कहूं मैं इतना कि कुछ तो परदा नशीन रखना।कदम अना के हजार कुचले,न आस रखते हैं आसमां…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"ओबीओ द्वारा इस सफल आयोजन की हार्दिक बधाई।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"धन्यवाद"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"ऑनलाइन संगोष्ठी एक बढ़िया विचार आदरणीया। "
Tuesday
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"इस सफ़ल आयोजन हेतु बहुत बहुत बधाई। ओबीओ ज़िंदाबाद!"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"बहुत सुंदर अभी मन में इच्छा जन्मी कि ओबीओ की ऑनलाइन संगोष्ठी भी कर सकते हैं मासिक ईश्वर…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a discussion

ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024

ओबीओ भोपाल इकाई की मासिक साहित्यिक संगोष्ठी, दुष्यन्त कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय, शिवाजी…See More
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service