For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जीवन का क्या 

कब झड़े ज्यूँ सूखे

पेड़ के पत्ते

माँ का दुलार

कितना भी हो, लगे

ओस की बूँद

मन बावरा

कभी जो मान जाता

मन की बात

नदी डालती

भले ही मीठा जल

सागर खारा

.

(मौलिक-अप्रकाशित)

Views: 449

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on December 10, 2013 at 7:22pm

आदरणीया नीलम उपाध्याय जी 

नदी डालती

भले ही मीठा जल

सागर खारा......................बहुत सुन्दर हायकू 

हायकू विधा मात्र तीन पंक्तियों में ५-७-५- का वर्ण निर्वहन करते शब्द न हो कर बहुत सघन भाव को एक शब्द चित्र में प्रस्तुत करते हैं...उस कसौटी पर बहुत सुन्दर भाव हैं सभी हायकू के..हार्दिक बधाई स्वीकारे.

किन्तु, हायकू शिल्प में तीनों पंक्तियाँ अपना स्वतंत्र अस्तित्व रखती हैं ( ऐसा नहीं होता कि एक ही पंक्ति को तीन टुकड़ों में तोड़ कर लिखा जाए ) शिल्प के इस बिंदु पर यह हायकू एक बार पुनः ध्यान चाहते हैं 

शुभकामनाएं 

.

Comment by Neelam Upadhyaya on December 9, 2013 at 7:21pm

मेरा मनोबल बढ़ाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद.

Comment by Meena Pathak on December 9, 2013 at 2:38pm

सुन्दर हाइकू 
बधाई आ० नीलम जी 

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 9, 2013 at 1:08pm

बेहद सुन्दर हाइकू आदरणीया सभी पसंद आये खास इसके लिए विशेष बधाई स्वीकारें

माँ का दुलार

कितना भी हो, लगे

ओस की बूँद ... वाह वाह वाह

Comment by coontee mukerji on December 8, 2013 at 4:08pm

बहुत सुंदर.

Comment by savitamishra on December 8, 2013 at 9:55am

bahut khubsurat .......

माँ का दुलार

कितना भी हो, लगे

ओस की बूँद

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 167 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है ।इस बार का…See More
9 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Apr 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service