For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

चलिये शाश्वत गंगा की खोज करें- तृतीय खंड (3)

प्रस्तुत खंड में ज्ञानी गंगा उत्पति की कथा बयान कर रहा है। गंगा की उत्पति  विष्णु हृदय से मानी जाती है। वह विष्णु हृदय क्या है - ज्ञानी इस की विवेचना के लिए प्रयतन रत है।
प्रस्तुत कथा और इस का ऐसा पठन शायद किसी और ग्रन्थ में न उपलब्ध हो इस लिए पाठक से निवेदन  है  कि वह इस में समानांतर धार्मिक कथा की खोज न करे। प्रस्तुत कथा केवल ज्ञानी की अपनी आत्मानुभूति है  ....
(डॉ स्वर्ण जे ओमकार ) 

ज्ञानी का तीसरा प्रवचन (3)

 गतांक से आगे...

‘ब्रहमण्ड’ का जो छोटा अणु
वही है प्रकृति का रहस्य
वही है प्रकृति का सत्य
मानव ने कहा विश्व  का अणु
नाम दिया है ‘विष्णु’

जल में अणु थल में अणु
हवा अग्नि आकाश में अणु
अणु से जब मिलता अणु
श्रष्टि का होता विस्तार
ऐसे अणु कई स्हस्रार
जड़ बनते फिर बनते चेतन
बनते पशु पक्षि मानव जन

जल में केवल जल के अणु
ऐसा नहीं है
जल के इलावा हैं और कितने अणु
यह भी सही है


जल है अणुओं का एक संगम
जल है अणुओं का एक वाहन

श्रृष्टि जल बिन चल न सकती
श्रृष्टि जल बिन पल न सकती
प्रकृति को यूं रच न सकती


जल से रचना का विस्तार
जल है रचना का आहार

जल से होता श्रृष्टि पालन
जलचर पलते पलते वनचर
जल बिन चले न किसी का जीवन
जल बिन सूनी पृथ्वी बंजर

जल में है आहार के अणु
जीवन के आधार  के अणु
जल तो है आहार का वाहन
जल तो है भोजन का माध्यम

इसी जल के हैं कई नाम
इन में एक है ‘नर’ नाम
इसी जल को कहते नीर
इसी जल को कहते क्षीर

इसी जल में जो रहता अणु
जल से अलग जो बहता अणु
विश्व का अणु जो है ‘विष्णु’
इसी नीर में उस का ‘आयन’
मानव ने उसे कहा नारायण

नारायण है जो जल में रहता
अन्न बन कर या बनकर भोजन
जल ही तो है उसका वाहन
जल में ही उसका ‘आयन’


जल से करता रचना पालन
मानव ने उसे कहा नारायण

पेड़ पौधे पशु पक्षी गण
सब करते हैं जल का सेवन


जल से मिले उन्हें आहार
जल ही तो जीवन आधार


जल में रह कर जो करता पालन
मानव ने उसे कहा नारायण

नीर सागर में रहे नारायण
क्षीर सागर में रहे नारायण


मातृ स्तन है क्षीर का सागर
इसी सागर में रहें नारायण

मातृ स्तन में रहे क्षीर
मातृ स्तन से बहे क्षीर
उसी क्षीर में रहे नारायण
क्षीर सागर में रहें नारायण

(शेष बाकी)

 श्री विष्णु जी का  चित्र The National Museum, New Delhi 47.110/605 के  सौजन्य से http://hi.wikipedia.org/ से आभार सहित 

अधोलिखित परिच्शेद " A Concise Dictionary of Indian Philosophy- by John Grimes" से लिया गया है।  इस में नर का अर्थ जल व आयन का अर्थ मूविंग यानि गतिमान बताया गया है। तब नारायण का अर्थ बनता है "जो जल में रहता है व गतिमान है" विष्णु जी का  पुराणों में दुग्द या क्षीर के सागर में निवास बताया गया है।

Views: 622

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by D P Mathur on June 17, 2013 at 8:06am

आपकी इस ज्ञान गंगा ने सच में मेरा ज्ञान बढ़ा दिया और सोचने की एक नई दिशा मिली - आपको हार्दिक बधाई !

Comment by Dr. Swaran J. Omcawr on April 15, 2013 at 9:13pm

 धन्यवाद coontee mukerji जी 

Comment by Dr. Swaran J. Omcawr on April 15, 2013 at 9:13pm

धन्यवाद   ram shiromani pathak जी 

Comment by ram shiromani pathak on April 10, 2013 at 1:22pm

बहुत ही सुंदर है. आशा है पाठक गण को समझने में बहुत आसानी होगी .बहुत धन्यवाद.

Comment by coontee mukerji on April 10, 2013 at 1:10pm

dr omkar jee ,सादर अभिवादन .मैं आपकी श्वाश्त गंगा की खोज बहुत बारिकी से पढ़्ती हूँ. आपने जो sciencetific विश्लेषण किया है

बहुत ही सुंदर है. आशा है पाठक गण को समझने में बहुत आसानी होगी .बहुत धन्यवाद.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
17 minutes ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
17 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल आपको अच्छी लगी यह मेरे लिए हर्ष का विषय है। स्नेह के लिए…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति,उत्साहवर्धन और स्नेह के लिए आभार। आपका मार्गदर्शन…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ भाई , ' गाली ' जैसी कठिन रदीफ़ को आपने जिस खूबसूरती से निभाया है , काबिले…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील भाई , अच्छे दोहों की रचना की है आपने , हार्दिक बधाई स्वीकार करें "
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है , दिल से बधाई स्वीकार करें "
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , खूब सूरत मतल्ले के साथ , अच्छी ग़ज़ल कही है , हार्दिक  बधाई स्वीकार…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल  के शेर पर आपकी विस्तृत प्रतिक्रिया देख मन को सुकून मिला , आपको मेरे कुछ…"
2 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपसे मिले अनुमोदन हेतु आभार"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service