For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

राना (कनाडा) होली मिलन समारोह सम्पन्न

राजस्थान एसोसियेशन आफ़ नार्थ अमेरिका (राना कनाडा) तथा विश्व हिंदी संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में रविवार, दिनांक ३१ मार्च, २०१३ को स्थानीय भारत माता मंदिर, गोर रोड़, ब्रेम्प्टन, कनाडा में धूम-धाम से होली का पर्व मनाया गया। लगभग २०० सदस्यों की उपस्थिती में रंगों की बौछार, होली गीतों की झंकार और ’होली है’ की हुंकार से सारा वातावरण होलीमय हो गया।

लगभग ५ घंटे चले इस होली कार्यक्रम का प्रारंभन स्नैक्स व ठंडाई से हुआ। होली गीत, चुटकुले तथा एक-दूसरे को रंगों से सराबोर करने की होड़ ने वातावरण को अत्यधिक हुल्लासमय कर दिया। इस अवसर पर आन्टेरियो के पीसी दल के नेता श्री टिम हुडक, एम.पी.पी. द्वारा प्रेषित संदेश सरदार हरजीत जसवाल ने पढ़कर सुनाया जिसे राना कनाडा के प्रेज़ीडेंट श्री योगेश शर्मा ने ग्रहण किया।

कार्यक्रम का संचालन विश्व हिंदी संस्थान के संस्थापक प्रो. सरन घई ने किया। सामूहिक भोज व धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। 

Views: 675

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 16, 2013 at 8:38pm

आदरणीय शरण साहब, आपकी सजगता हिन्दी को विदेशों में विशेषकर कनाडा में सुप्रचारित करने के मिशन पर जिस तरह से एकनिष्ठ है वह चकित तो करती है, गर्व का कारण् अभी है.

होली के आयोजन के साथ-साथ सम्मिलन का कार्यक्रम और हिन्दी चेतना हेतु हुआ प्रयास आपके संचालन कौशल के साथ आपकी दूरदर्शिता को भी बताता है.

आपके प्रयास को सादर प्रणाम.

Comment by Ashok Kumar Raktale on April 5, 2013 at 8:54pm

सादर, जब विदेशों में भी हमारे पावन त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाये जाते हैं तब सीना गर्व से और चौड़ा हो जाता है. शुभकामनाएं.

Comment by ram shiromani pathak on April 5, 2013 at 11:48am

आदरणीय, प्रो0 शरण घई जी, आप सभी को होली खेलते हुए देखकर पुनः याद ताजा हो आई। आपस भी को होली की हार्दिक शुभकामनाएं।

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 5, 2013 at 10:38am

आदरणीय, प्रो0 शरण घई जी, आप सभी को होली खेलते हुए देखकर पुनः याद ताजा हो आई। आपस भी को होली की हार्दिक शुभकामनाएं। आदर सहित, होली के अवसर पर मैं यह कविता साझा कर रहा हूं-
होली
8,8,16 अन्त में लघु गुरू

मस्त मनन की, घूमत टोली, जोगनिया फागू गाय रही।
इत उत आवतु, चलि जात उड़त, रंगन फुहारि सुहाय रही।।
नाचत गावत, हुड़दंग करत, नर नारि अंग लपटाय रही।
उॅच नीच मन, भेद मिटावत, मानवता रस टपकाय रही।।1

मिल सप्रेम घर, आवत जावत, चिप्स पापड़ कुरकुराय रही।
गुझिया चमचम, बेसन लड्डू, मन मा फूटत हरषाय रही।।
मस्तक अबीर, गालहि गुलाल, गले भेंटत हॅस हॅसाय रही।
प्रेम सदभाव,‘सत्यम‘ एकता, सतरंगी होली बरसाय रही।।2
के0पी0सत्यम/मौलिक एवं अप्रकाशित

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
22 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
Thursday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
Thursday
LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service