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काम करे निष्काम-लक्ष्मण लडीवाला

मद्रास हाई कोर्ट से ८ मार्च को सेवा निवृत हो रहे सर जस्टिस चंद्रू, फ़ास्ट ट्रेक कोर्ट से 83 गुना फ़ास्ट है और 

प्रतिदिन 6O मामले निपटाते है। गर्मी की छुट्टियों में घर पर होमवर्क कर कोर्ट खुलते ही 2OO फैसले सुनाते

है।(३ मार्च के दैनिक भास्कर में छपी खबर अनुसार) ऐसे आदर्श न्यायाधीश के सन्दर्भ में एक रचना प्रस्तुत है -लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला

अधिक समय दफ्तर रहे, निपटावे सब काम

फ़ास्ट ट्रेक अदालत से, फ़ास्ट करे वह काम ।

 

साठ फैसले नित करे, जस्टिस चंद्रू नाम,

अनुकरणीय काम करे, काम करे निष्काम। 

 

पांच हफ्ते छुट्टी में, होम वर्क अपनाय,

लौटते ही छुट्टी से, दौ सो केस निर्णाय । 

 

पालन पोषण केस, सख्त रहे वे ख़ास,

पोषण बच्चे का नहीं, जीवन का है नाश।

 

सेवा निवृत हो रहा , जस्टिस चंद्रू राज,

मातहितो की खिल रही,बांछें देखो आज|

 

अनुकरणीय काम का, लिया नहीं संज्ञान,

न्यायाधीश जैसे भी, क्योकर है अनजान ।

 

-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला

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Comment

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Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 8, 2013 at 2:14pm

जस्टिस सर चंद्रू जैसे कर्मवीर साधक को लेखनी के माध्यम से highlight करने का सोच मन में आया, ख़ुशी है कि इसे आपका समर्थन मिला और मेरे लिखने का उद्देश सार्थक हो गया | हार्दिक आभार आपका आदरणीया मंजरी पाण्डेय जी 

Comment by mrs manjari pandey on March 7, 2013 at 6:31pm

 आदरणीय लक्ष्मन प्रसाद लडीवाला  जी बहुत खूब बयां किया आपने बधाई। ऐसे ही फ़ास्ट ट्रेक पर कम करने वाले हो  तो कहने ही क्या? फिर तो सब केस का निस्तारण ही हो जाये।

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 7, 2013 at 5:16pm

बिलकुल सही कहा आपने भाई रविकर जी, ऐसे लोग नमन योग्य है, जिनसे दुनिया में न्याय कायम है | रचनाकर्मी के नातेजानकारी होने पर कलम के माध्यम से उन्हें नमन करना कर्तव्य बन जाता है | आपसभी की टिप्पणिया देख मेरा लिखना सार्थक लग रहा है | हार्दिक आभार रविकर जी  

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 7, 2013 at 5:06pm

सही कहा आपने भाई श्री प्रदीप जी, अगर अन्य जज अनुसरण करे तो यह जनता का सौभाग्य होगा, वर्ना पेशी दर पेशी बढ़ेगी ही,

इतने बड़े देश में | रचना पसंद करने के लिए हार्दिक आभार 

Comment by रविकर on March 7, 2013 at 5:06pm

आज भी हैं कुछ लोग-जिनसे चल रही है यह दुनिया -
आभार आदरणीय-

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 7, 2013 at 4:55pm

आमदनी घट गयी बढ़ने की है आस 

सेवा निवृत्त जान आयी है स्वास 

पेशी दे पेशी बढ़ेगी संख्या भारी 

बधाई. सर जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 7, 2013 at 12:07pm

हार्दिक आभार श्री राम शिरोमणि पाठक जी

Comment by ram shiromani pathak on March 7, 2013 at 11:56am

आदरणीय लक्ष्मण प्रसाद जी,

माननीय जस्टिस चंद्रू जी के सम्मान में दोहों के माध्यम से अपनी श्रद्धा समर्पित करने के लिए साधुवाद.

सादर 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 7, 2013 at 10:13am

हार्दिक आभार श्री जवाहर लाल सिंह जी, सही कहा आपने, यदि अन्य जज इससे प्रेरणा लेकर कार्य करे तो जनता को 

त्वरित न्याय मिल सकता है | सरकार तो भी इअसे न्यायाधीश का कार्य कल बढाने पर विचार करना चाहए |

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on March 7, 2013 at 7:32am

आपने जस्टिस चंद्रू के सम्मान में जो उद्गार व्यक्त किये हैं - बहुत ही प्रशंसनीय  है! काश कि दूसरे जज उनसे प्रेरणा ले पाते!

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