For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दिन  भर महभारत  बांचेली !

हमरी  कपार   पर  नांचेली !

अपनी मांगन पर अड़ जाली !

जे मना करी हम लड़ जाली !

कहें हमसे कि जीन्स ले आव, हम नाही पहिनेलीं साड़ी !

नवहा  नवहा  हमरा  घर  में, मलिकाईन आईल बाड़ी !

 

घरवाके   होटल   जानेली !

हमराके   वेटर    मानेली !

पेप्सी  कोला  बीयर  पीएं !

पॉपकोर्न आ चिप्स प जीएं !

रोटी  तरकारी  रुचे  ना,  हमरासे मांगे बिरयानी !

नवहा नवहा हमरा घर में, मलिकाईन आईल बाड़ी !

 

पचहत्तर गो क्रीम  मंगावें !

सब पईसा में आगि लगावें !

हमरो के कुछ बाति  बतावें !

टेढ़ आँखि कइके  समझावें !

कहें हमके, “क्लीन हो जाओ, क्यों रखते ये घटिया दाढ़ी !”

नवहा  नवहा  हमरा  घर  में, मलिकाईन आईल  बाड़ी !

 

 

एकदिन काम से अइनी जब !

खूब  ऊ  सेवा  कईली  तब !

लगनी  सोचे  ई  का  होता !

कउवा  कईसे  बनल  तोता !

सोचत रहनी तवले कहली, “राजा, हमको चहिए गाड़ी !”

नवहा नवहा हमरा घर में,  मलिकाईन  आईल  बाड़ी !

 

नखरा कि उनकर एतना बा !

गीनि  ना  पाईं  केतना बा !

जेतने होखो  सब ठीक  बा !

जईसन होखो सब नीक  बा !

काहें कि हमरी मनवा में त, बस  ऊहे  समाईल बाड़ी !

नवहा नवहा हमरा घर में,  मलिकाईन  आईल  बाड़ी !

 

-पियुष द्विवेदी ‘भारत’

 

Views: 1714

Replies to This Discussion

आई हाई ...नवका ज़माना के नवकि कनिया के खूब बखान कईला भाई, मजा आ गईल, बवाल रचना बा, बोरा भर के बधाई स्वीकार करs पियूष भाई |

आदरणीय गणेश भईया.. रऊरो के बोरा भर के, कई कुंटल धन्यवाद...! कहीं-कहीं टंकड़ के गलती त नईखे न लागत ?

टंकण के त्रुटी नइखे जी, मस्त मस्त बा, बिलकुल नवकि मलकाईन लेखा :-))

तब त हड़ाह बा....चली फेर एक बेर अऊर धन्यवाद लीं !

आदरणीय भारत जी, सादर 

नीमन लागल. बधाई 

आदरणीय प्रदीप जी, रऊरा रचना नीक लागल, ई संतोष देता, धन्यवाद...!

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted blog posts
12 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 167 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है ।इस बार का…See More
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Apr 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service