For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लोकतंत्र
जहाँ हर नेता भ्रष्ट
हर अधिकारी घूस खाने को
स्वतंत्र है |
यही तो अपना
लोकतंत्र है ||

पहचान
लोकसभा और विधानसभा को
बना दिया जंग का मैदान |
देख कर इन नेताओं के कारनामे
लोग हो रहे हैरान ||

उजले कपड़ों के पीछे लिपटे
इंसानों की शक्लों में घूम रहे शैतान |
पचा गए यूरिया , खा गए चारा
बच के रहना मेरे भाई
कहीं खा ना जायें इंसान ||

कहें 'योगी ' कविराय
इन नेताओं से उठा भरोसा
जब भी देना वोट
अच्छे बुरे की कर लेना पहचान !!

समाज
आज का हमारा समाज
बहुत जागरूक हो गया है
तभी तो अपने होने वाले
सभी कुकृत्यों को अनदेखा कर
छुपकर कहीं सो गया है !!

Views: 496

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Yogi Saraswat on March 19, 2013 at 2:28pm

dhanywad shri swaran ji , sahyog banaye rakhiyega

Comment by Dr. Swaran J. Omcawr on March 15, 2013 at 1:17pm

"बहुत बढ़िया व्यंग्पुरण आलेख  sharing  के लिए आभार  "

उजले कपड़ों के पीछे लिपटे 
इंसानों की शक्लों में घूम रहे शैतान |
पचा गए यूरिया , खा गए चारा

बहुत बढ़िया

Comment by Yogi Saraswat on November 19, 2012 at 12:07pm

dhanywad shri fool singh ji 

Comment by PHOOL SINGH on November 12, 2012 at 1:28pm

योगी  जी प्रणाम.......

सुंदर अतिसुंदर भावपूर्ण क्षणिकाएं  ......"सपरिवार सहित आपको शुभ दीपावली"

फूल सिंह

Comment by Yogi Saraswat on September 8, 2012 at 10:41am

बहुत बहुत आभार श्री अविनाश जी ! आपका समर्थन मिला ! आशीर्वाद बनाये रखियेगा

Comment by Yogi Saraswat on September 8, 2012 at 10:40am

बहुत बहुत आभार श्री लक्ष्मण प्रसाद जी ! आशीर्वाद बनाये रखियेगा

Comment by AVINASH S BAGDE on September 7, 2012 at 7:44pm

हर अधिकारी घूस खाने को 
स्वतंत्र है | 
यही तो अपना 
लोकतंत्र है ||...sahi hai Yogi Saraswat ji.

 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 7, 2012 at 2:56pm

वर्तमान घटनाक्रम पर चोट करती सुंदर क्षनिकाए श्री योगी सारस्वत जी बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ सर, गाली की रदीफ और ये काफिया। क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस शानदार प्रस्तुति हेतु…"
1 hour ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .इसरार

दोहा पंचक. . . .  इसरारलब से लब का फासला, दिल को नहीं कबूल ।उल्फत में चलते नहीं, अश्कों भरे उसूल…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। आयोजन में सहभागिता को प्राथमिकता देते…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरना जी इस भावपूर्ण प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। प्रदत्त विषय को सार्थक करती बहुत…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त विषय अनुरूप इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। गीत के स्थायी…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपकी भाव-विह्वल करती प्रस्तुति ने नम कर दिया. यह सच है, संततियों की अस्मिता…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आधुनिक जीवन के परिप्रेक्ष्य में माता के दायित्व और उसके ममत्व का बखान प्रस्तुत रचना में ऊभर करा…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय मिथिलेश भाई, पटल के आयोजनों में आपकी शारद सहभागिता सदा ही प्रभावी हुआ करती…"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ   .... बताओ नतुम कहाँ होमाँ दीवारों मेंस्याह रातों मेंअकेली बातों मेंआंसूओं…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ की नहीं धरा कोई तुलना है  माँ तो माँ है, देवी होती है ! माँ जननी है सब कुछ देती…"
Saturday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय विमलेश वामनकर साहब,  आपके गीत का मुखड़ा या कहूँ, स्थायी मुझे स्पष्ट नहीं हो सका,…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service