For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सर्वश्रेष्ठ रचना सम्मान

\इस साईट के प्रशासक का यह निर्णय तो अच्छा है कि महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना को सम्मानित किया जाए लेकिन इसके साथ यदि पांच हज़ार रूपये के पुरुस्कार देने का भी निर्णय लिया जाता तो सोने पे सुहागा हो जाता और इस साईट पर लेखकों,पाठकों और विज्ञापनदाताओं का अम्बार लग जाता और इस खर्च से दुगुना तो विज्ञापन से मिल जाता ! इससे लेखकों को बड़ा जबरदस्त प्रोत्साहन मिलता ! साईट प्रशासक इस पर विचार कर निर्णय अभी भी ले सकतें हैं !

Views: 972

Reply to This

Replies to This Discussion

आदरणीय अश्वनी रमेश जी,
सादर अभिवादन,
आपका सुझाव बहुत ही उम्द्दा है, हम लोग महीने में "माह की सर्वश्रेष्ठ रचना", "महीने का सक्रिय सदस्य" तथा "चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता आयोजित/घोषित करते है किन्तु अभी तक पुरस्कार स्वरुप कुछ भी नहीं दिया जाता है | यदि कोई सदस्य/फर्म आदि प्रायोजित करना चाहे तो उनका स्वागत है |

एडमिन
ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार 

मैं स्पष्ट करना चाहता हूँ कि ओ बी ओ कभी भी सदस्यों से चंदा के तौर पर पैसा नहीं लेना चाहता, पूर्व में भी कुछ सदस्य चंदा देना चाहे किन्तु ओ बी ओ प्रबंधन ने स्वीकार नहीं किया, हम केवल प्रयोजन कि दशा में ही कोई रकम स्वीकार कर सकते है, बदले में ओ बी ओ प्रयोजन कर्ता का विज्ञापन करेगा |

मित्र, इस साईट का उद्देश्य साहित्य व साहित्कारों को बढ़ावा देवा व् प्रोत्साहित करना अवश्य है परन्तु विज्ञापन से कमाना और फिर उसका एक अंश पुरूस्कार के रूप में देना

मैं इसे ओ बी ओ के लिए सही नहीं मानता

ओ  बी ओ सदस्य के रूप में राय और सलाह है

क्षमा करें,

मैं आपके प्रस्ताव से संतुष्ट नहीं हूँ, अब आगे मैं इस विषय को बहस के योग्य भी नहीं मानता

अंत में यह कि, यदि कोई आपकी बात से सहमत न हो और अपना मत रखे, तो आप उसे उलाहना नहीं दे सकते

मैंने स्पष्ट लिखा है कि ओ बी ओ सदस्त के हैसियत से कमेन्ट लिख रहा हूँ
ओ बी ओ प्रशासन कि सोच क्या है यह मुझे तब तक नहीं पता थी जब मैंने अपना कमेन्ट लिखा था

 

आगे आप कुछ भी कहने, करने के लिए स्वतंत्र हैं

हाँ एक बात और.... केवल धन से ही सच्चा प्रोत्साहन नहीं मिलता, और भी तरीके हैं ,,,

हाँ धन विवाद का कारण जरूर बन जाता है

 

आभार

आभार :)

भाई अश्विनी रमेशजी,  आपका हार्दिक आभार कि आपने ऐसे मुद्दे को उठाया है जो न केवल साहित्यिक मंच अपितु किसी भी सामाजिक मंच की आवश्यक शर्त हुआ करती है. होनी भी चाहिये. आपकी बातों का जो व्यावहारिक पक्ष है उसे कतई नकारा नहीं जा सकता है. 

 

//आपका अर्थ है, साहित्यकार के दम पर सभी मौज करें और साहित्यकार हमेशा भूखे पेट लिखता रहे ! आधी तो उसको भी खाने दो ताकि लिखने लायक जान तो रह सके !//

 

इस मंच के लिहाज से आपके उपरोक्त कथ्य से सामान्यीकरण का अस्वाभाविक उत्सर्जन हुआ है. हम आपके उत्साह को नमन करते हैं. किन्तु, उपरोक्त कथन इस मंच की गलत तस्वीर प्रस्तुत कर रहा है. इस मंच के प्रबन्धन या कार्यकरिणी से सम्बद्ध प्रत्येक सदस्य स्वयं ही सक्रिय रचनाधर्मी है. और सभी रचनाधर्मी सदस्यों की गरिमा के प्रति अति संवेदनशील हैं. आप कहीं और की परिपाटी को कृपया यहाँ लागू होता हुआ न देखें.

ऐडमिन की ओर से आपको स्पष्टीकरण दिया जा चुका है. 

इसके साथ ही, मेरा हार्दिक अनुरोध है कि भाई वीनसजी की बातों की गहराई और उसके आवश्यक पक्ष को भी अवश्य समझियेगा. आपकी ही तरह वीनसजी का भी इस मंच से जुड़ाव भावनात्मक स्तर से भी आगे का है और उनके ऊर्जस्वी विचारों और साहित्यिक योगदान से प्रस्तुत मंच महती रूप से लाभान्वित होता रहा है.

आपभी अवश्य स्वीकारेंगे कि प्रत्येक तरह के कदम का, चाहे वह कितना ही लाभदायी क्यों न हो, अपना निश्चित समय हुआ करता है.  प्रबन्धन टीम इस मंच की बेहतरी हेतु कई-कई स्तरों पर विचारवान है. ’सीखने-सिखाने’ के आदर्श पर अग्रसरित यह मंच अपने पाठकों से एक विशेष प्रकार का सम्बन्ध निभाता है जिसकी भूरि-भूरि सराहना की जानी चाहिये. 

आपसे सादर अनुरोध है कि अपनी प्रविष्टियों तथा अपने साहित्यिक योगदान से इस मंच एवं पाठकों को संतुष्ट व निश्चिंत करते रहें.  पुनः, आप जैसे सदस्यों का प्यार और शुभेच्छाएँ ही इस मंच की थाती हैं.

 

इस बहस को अब हम यहीं विराम दें.

आदरणीय अश्विनी रमेशजी,   आपको पुनः विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि समय आने पर सारी बातें सधती जायेंगी. पूर्ण आश्वस्ति हेतु आप कृपया मेरे उपरोक्त कथन में बोल्ड वाक्यों को देख लें. हम इस चर्चा को अनावश्यक तूल न देकर सार्थक विराम दें. 

 

//इस साईट के निर्णय का अधिकारक्षेत्र आपके पास है !//

भाई अश्विनी रमेशजी,  आप एक जागरुक सदस्य के तौर पर अवश्य वाकिफ़ होने चाहिये कि ओबीओ की प्रबन्धन टीम के पास कुल निर्णायक अधिकार सुरक्षित हैं और उक्त टीम व्यक्तिवाची कदापि नहीं है.

हम स्वयं को साधते हुये साहित्य-विकास हेतु अपने तईं मय सदस्य अग्रसरित हैं.

 

सादर धन्यवाद.

मेरे ख़याल से इस पूरे प्रकरण को ओ बी ओ संचालक और प्रबंधक पर छोड़ देना चाहिए | और सदस्यों कि सहभागिता सुझाव \ बेहतरी \ और साहित्यिक टिप्पणियों तक महदूद रहे तो अच्छा | अभी तक यह मंच निष्पक्ष और नियोजित ढंग से चल रहा है | इस हेतु sampadak  और संचालक को हार्दिक बधाई | आर्थिक पहलू जुड़ जाने से उसके साथ anek खतरे भी जुड़ सकते हैं | सब सोच समझ कर आगे बढ़ना ठीक रहेगा | अन्यथा वर्तमान व्यवस्था ठीक है | रचना और सदस्य चयन v ghoshna ही पर्याप्त है | नकद इनाम होने पर भी कुछ saathi rachnakar उससे अलग हो सकते हैं जैसे अभी चित्र से काव्य में होता है " प्रतियोगिता से अलग " |...और उस प्रोत्साहन से कोई विशेष फायदा मुझे नहीं दीखता | हाँ एक "प्रमाण- पत्र" चयनित लोगो को दिया जाना ठीक रहेगा | इसे प्रबंधन ने माना भी है |

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। उत्तम गजल हुई है। हार्दिक बधाई। कोई लौटा ले उसे समझा-बुझा…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
12 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आयोजनों में सम्मिलित न होना और फिर आयोजन की शर्तों के अनुरूप रचनाकर्म कर इसी पटल पर प्रस्तुत किया…"
15 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन पर आपकी विस्तृत समीक्षा का तहे दिल से शुक्रिया । आपके हर बिन्दु से मैं…"
yesterday
Admin posted discussions
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपके नजर परक दोहे पठनीय हैं. आपने दृष्टि (नजर) को आधार बना कर अच्छे दोहे…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"प्रस्तुति के अनुमोदन और उत्साहवर्द्धन के लिए आपका आभार, आदरणीय गिरिराज भाईजी. "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल आपको अच्छी लगी यह मेरे लिए हर्ष का विषय है। स्नेह के लिए…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service