For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आएँगे जी आएँगे, अच्छे दिन यूँ आएँगे ...गीत / शून्य आकांक्षी

आएँगे  जी   आएँगे, अच्छे  दिन  यूँ  आएँगे |
जाएँगे  जी  जाएँगे, भद्दे  दिन  भग  जाएँगे || 
 
योगासन    प्रारम्भ    करो | 
आँख, कान, मुँह बन्द करो | 
पेट   भींचकर   भीतर   को ,
साँसों   को   पाबन्द   करो | 
 
उदर-पीठ दोनों हों एक, तब उनको हम भाएँगे | 
आएँगे  जी   आएँगे, अच्छे  दिन  यूँ  आएँगे || 
 
क्यों  मेहनत तुम करते हो | 
दिन - भर  खटते रहते  हो | 
करो    राजनैतिक    खेती ,
भूख, प्यास क्यों  सहते हो | 
 
मंत्री  बन पूँजीपति भी, तलवे तब सहलाएँगे | 
आएँगे  जी   आएँगे, अच्छे  दिन यूँ  आएँगे || 
 
तेरी   पेंशन   काट  रहे | 
खुद जीवन-भर चाट रहे | 
उनकी इच्छा सदा यही  ,
खड़ी  हमारी  खाट  रहे | 
 
कुछ कर जीने को साथी, वरना  जी ना पाएँगे | 
आएँगे  जी   आएँगे, अच्छे  दिन  यूँ  आएँगे ||  
.
मौलिक और अप्रकाशित

Views: 625

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by C.M.Upadhyay "Shoonya Akankshi" on August 24, 2017 at 11:56pm

श्री Ravi Shukla जी,
मैं तो प्रारम्भ से ही छंदबद्ध और अतुकांत दोनों में ही अपनी कलम चलाता रहा हूँ | चूँकि कोटा में आपका और हमारा संपर्क ज्यादा दिन नहीं रहा इसलिए हो सकता है कि आप मेरी अतुकांत रचनाओं से ही परिचित हो सके |
गीत के प्रोत्साहन और बधाई के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद भाई |
बहुत दिन हुए, एक चक्कर कोटा का भी लगा लो अब |

Comment by C.M.Upadhyay "Shoonya Akankshi" on August 14, 2017 at 8:31pm

आदरणीय  Mohammed Arif जी,
गीत पर सार्थक टिप्पणी करने और बधाई देने के लिए आपका हार्दिक आभार | इसी प्रकार प्रेम बनाए रखिएगा | 

Comment by C.M.Upadhyay "Shoonya Akankshi" on August 14, 2017 at 4:15pm

आदरणीय Samar kabeer साहब,
आपकी सराहना पाकर मेरे गीत का लेखन सफल हुआ | आपका हार्दिक आभार | 

Comment by Ravi Shukla on August 14, 2017 at 2:56pm

आदरणीय चंद्र मोहन जी बहुत बहुत बधाई इस सुंदर गीत के लिये । अतुकांत के आगे गीतो में भी आपकी कलम चलते देख कर खुशी हुई जितना भी साथ रहा आपके अतुकांत से ही परिचय हो पाया था । सादर

Comment by C.M.Upadhyay "Shoonya Akankshi" on August 14, 2017 at 12:30am

आदरणीय  Niraj Kumar जी,
आपकी बेहतरीन, सार्थक और मेरे लेखन को प्रोत्साहित करती टिप्पणी पाकर मन प्रसन्न हो गया | आपका बहुत-बहुत शुक्रिया | इसी प्रकार प्रेम बनाए रखिएगा | 

Comment by Mohammed Arif on August 13, 2017 at 6:35pm
आदरणीय सी.एम.उपाध्याय जी आदाब, अच्छे दिन पर करारा व्यंग्यपूर्ण गीत की सौगात ।अच्छे दिन का झुनझुना ख़ूब बजाया प्रधान सेवक जी मगर जनता से संवाद कब करते हैं ,किसानों की ख़ुदकुशी पर चुप रहते हैं ,नफ़रत की हिंसा और लक्षित हिंसा पर बोलने के बजाय विदेशों की सैर पर ऐश करने निकल जाते हैं । अब अच्छे दिन कैसे आयेंगे , हमें तो अब भी इंतज़ार है । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Samar kabeer on August 13, 2017 at 6:28pm
जनाब उपाध्याय जी आदाब,बहुत अच्छा लगा आपका गीत,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Niraj Kumar on August 13, 2017 at 5:12pm

आदरणीय शून्य आकांक्षी जी,

बहुत अच्छा गीत ! मारक व्यंग ! साहसपूर्ण !

जितनी दाद दी जाय कम है.

इस गीत से पता चलता है कि साहित्यकार को सत्ता का शाश्वत प्रतिपक्ष क्यों कहते हैं .

सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
19 minutes ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
20 minutes ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
1 hour ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
2 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
4 hours ago
Profile IconSarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
7 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
23 hours ago
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
yesterday
LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service