For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

स्वागतम नव वर्ष का

स्वागतम नव वर्ष का

 

हर्ष से आओ करें मिल, स्वागतम नव वर्ष का ।

आश जो हर मन जगाये, आज कारक हर्ष का ।।

कर्म को मुखरित करे वह, लक्ष्य नव उत्कर्ष का ।

शोध अभिनव जो कराये, साक्ष्य दृढ निष्कर्ष का ।१।

 

कामना नव वर्ष तुमसे, आज इतनी है सुनो ।

हस्तगत गत वर्ष की हर, शौर्य गाथा तुम चुनो ।।

चौगुनी हो वृद्धि उनमें, ध्यान इतना दीजिये ।

आप बदले में जगत की, आपदा हर लीजिये ।२।

 

प्रेम से जग जीत लें हम, आत्म का उद्धार हो ।

हो अभय जीवन सभी का, ज्ञान का विस्तार हो ।।

मुक्त हो आतंक से जग, प्रेम का अभिसार हो ।

आज मानव धर्म जीवन, ही जगत का सार हो ।३।  

 

क्रूरता जग से मिटे अब, सून गलियारे न हों ।

भूख से कोई मरे ना, दाम बलियारे न हों ।।

बोल में मधुरस घुले फिर, मेल हो व्यवहार में ।

हो न आहत मन किसी का, भाव दो उपहार में ।४।

- सत्यनारायण सिंह 

मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 453

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Hari Prakash Dubey on December 29, 2014 at 11:21pm

 सुन्दर रचना पर आपको  हार्दिक बधाई  आ. सत्यनारायण सिंह जी !

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 29, 2014 at 7:14pm

सत्य नारायण जी

आपने गीतिका में लिखा है स्पष्ट नहीं किया  i मैंने पूरी पड़ताल नहीं की है पर शायद  है ऐसा ही  इसीलिये सुमधुर है गेय है i भाव संपन्न तो है ही i  

Comment by Shyam Narain Verma on December 29, 2014 at 10:12am

अच्छी रचना के लिए बधाई।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
12 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service