For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

घोटाले कर कर हुई, भ्रष्ट आज सरकार

जनता डर डर रह रही, संसद भी बीमार

संसद भी बीमार, मिलै नहि मोहे चैना  

जुल्मी है सरकार, बड़ा मुश्किल है रहना 

कह सागर सुमनाय, काम तो इनके काले  

खाना बांटे मुफ्त, करे नित नए घोटाले 

आशीष श्रीवास्तव - सागर सुमन
मौलिक एवं अप्रकाशि

Views: 696

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ashish Srivastava on September 3, 2013 at 8:06pm

विजय मिश्र : सादर आभार 

Comment by विजय मिश्र on September 2, 2013 at 11:58am
"जड़ा तमाचा गाल पर , लाल दाग परि जाय
असर न हो बेशर्म को , शर्म बेचि के खाय |-- वाह रे कवि ! तुम धन्य हो .
Comment by विजय मिश्र on September 2, 2013 at 11:57am
"जड़ा तमाचा गाल पर , लाल दाग परि जाय
असर न हो बेशर्म को , शर्म बेचि के खाय |-- वाह रे कवि ! तुम धन्य हो .
Comment by Ashish Srivastava on September 2, 2013 at 7:52am

आदरणीय  विजय मिश्र  जी 

बधाई और संवेदनात्मक टिप्पनि के लिए हार्दिक आभार 

जड़ा तमाचा गाल पर , लाल दाग परि जाय

असर न हो बेशर्म को , शर्म बेचि के खाय  

Comment by विजय मिश्र on August 28, 2013 at 11:52am
छंद है या तमाचा ? जड़ा भी आपने गाल पर ही है ,असर न भी हो लाल दाग तो जरूर दिखेगा !रचना शुद्ध सामयिक और सच की धारणा के साथ .हार्दिक बधाई आशीषजी .
Comment by Ashish Srivastava on August 28, 2013 at 11:16am

aadarniya annapurna bajpai ji , arun ji ,  evam  bhandari ji , aap sabhi ko hraday se naman ki kundli vidha par likhne par aapne jo sneh rupi marg prshahst kiya hai . 

Comment by annapurna bajpai on August 27, 2013 at 11:05pm

आ० आशीष जी सुंदर भावों को बड़ी सहजता से पिरोया है , आपको बधाई । 

Comment by अरुन 'अनन्त' on August 27, 2013 at 3:57pm

बेहद सुन्दर कुण्डलिया छंद भाई आशीष ढेरों बधाई स्वीकारें.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on August 27, 2013 at 1:41pm

आशीष भाई , उम्दा प्रस्तुति , बधाई !!

Comment by Ashish Srivastava on August 27, 2013 at 1:23pm

रविकर

sarahna ke liye aabhar 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
17 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
yesterday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
Thursday
LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service