For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

चैत्र पवित्र नवरात्री , साल नया ये खास.

गुडी पडवा में नींव पड़े, चहुंदिश सुख की आस.

सुख दुख गतिक्रम सृष्टि का, चले सनातन चक्र.

किसी को गोचर सुखद तो, किसी को होते वक्र.

कर्म अकर्म सुकृत दुष्कृत, गति विचित्र महान.

प्रारब्ध निर्मित योग सब, सुमति कुमति निदान

जैसी गति वैसी मति, कहते लोग सुजान.

हम तो बस यही मांगते, सुमति देओ भगवान.

राम रचाई रचना, रुच रुच राचो भक्ति

नये साल वृद्धि पावें, सुरुचि सुवैभव शक्ति

समष्टि हित ही साधना, तुच्छ स्वार्थ नहीं सार

प्रेम पियुष सत्कर्म रहे, तो प्रीति करे संसार

मन कहे मैं धनकरूं, धन कर करूं गुमान.

साहब कतरनी हाथ में, राखे-निज अनुमान

Views: 534

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 12, 2013 at 6:35pm

राम रचाई रचना, रुच रुच राचो भक्ति

नये साल वृद्धि पावें, सुरुचि सुवैभव शक्ति

 जय हो मंगलमय हो 

आदरणीय सुरेन्द्र जी सादर 

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on April 11, 2013 at 10:26am
आदरणीय सुरेंद्र जी सादर
आपको भी नाव संवत्सर की बहुत बहुत शुभकामनाएँ

आपकी रचना मे संभवतः दोहे लिखने का प्रयास किया है
किंतु हर दोहा शिल्प के लिहाज से समय माँग रहा है
कृपया नियमावली पढ़ के इन्हे सुधारने की कोशिश कीजिए
सादर
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 11, 2013 at 9:47am

नव संवत्सर के उपलक्ष में सुन्दर दोहों के लिए बधाई श्री सुरेन्द्र वर्मा जी  | 

नव वर्ष नया काज हो, उन्नति का आधार  ,

नव जोश भर तन मन में, नव चेतन संचार। 

नव संवत्सर,२०७०, गुडी पडवा, एवं चेटी-चंड के शुभ मंगल कामनाए 

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 11, 2013 at 8:22am

आ0 सुरेन्द्र वर्मा जी, सुप्रभात! ’समष्टि हित ही साधना, तुच्छ स्वार्थ नहीं सार।
प्रेम पियुष सत्कर्म रहे, तो प्रीति करे संसार।।’ बहुत ही सुन्दर बात, आपको हार्दिक बधाई हो। सादर,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
7 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
14 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
14 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
15 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
17 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
18 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
yesterday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
yesterday
LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service