For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

समस्त ओ बी ओ परिवार की ओर से स्वात घाटी की निर्भीक बेटी मलाला के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ हेतु मंगलकामनाएं ....


 

 

 

 

 

 

 

 

स्वात घाटी की निर्भीक बेटी मलाला को समर्पित 

सुन्दरी सवैया

अधिकार मिले सब शिक्षित हों बिखरे चहुँ ओर हि ज्ञान उजाला.

लड़ती जब जायज़ घायल क्यों सुकुमारि दुलारि पियारि 'मलाला'.

सब कष्ट हरौ अरु स्वस्थ करौ करि आज कृपा पुनि दीनदयाला.

अति क्रूर व निर्दय ये अधमी तलिबानहि दें यहि लोक निकाला..

इं० अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर'

                                                  

Views: 838

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Er. Ambarish Srivastava on October 15, 2012 at 1:26pm

धन्यवाद श्री राजेश जी !

Comment by राजेश 'मृदु' on October 15, 2012 at 1:19pm

इतनी सुंदर रचना द्वारा प्रभु से निवेदन जरूर रंग लाएगी, सादर

Comment by Er. Ambarish Srivastava on October 15, 2012 at 1:09pm

धन्यवाद विनीता जी !

Comment by Vinita Shukla on October 15, 2012 at 1:00pm

साधुवाद इन सुन्दर पंक्तियों के लिए.

Comment by Er. Ambarish Srivastava on October 15, 2012 at 11:54am

धन्यवाद प्रिय पीयूष जी, आपके यह वचन अवश्य ही सत्य होंगे ! 

Comment by Er. Ambarish Srivastava on October 15, 2012 at 11:53am

सुप्रभात भाई संदीप जी, आप द्वारा की गयी शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार !

Comment by Er. Ambarish Srivastava on October 15, 2012 at 11:52am

बालिका के प्रति शुभकामना व् छंद की सराहना के लिए बहुत  बहुत धन्यवाद आदरेया सीमाजी !

Comment by पीयूष द्विवेदी भारत on October 15, 2012 at 11:24am

आदरणीय अम्बरीष जी, बेशक, वीर कन्या मलाला अति शीघ्र स्वस्थ होकर अपने परिजनों के साथ होगी !

इस लाजवाब सवैया हेतु आपको बधाई !

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on October 15, 2012 at 9:42am

आदरणीय अम्बरीश सर जी सादर प्रणाम
आपने समस्त ओ बी ओ की ओर से ऐसी दुआ की पढ़ कर मन भाव विभोर हो गया
हम यही मंगलकामना करते हैं की "वीरांगना मलाला" शीघ्र अति शीघ्र स्वस्थ और शकुशल अपने परिजनों के साथ हो

Comment by seema agrawal on October 14, 2012 at 10:19pm

बहुत सुन्दर छंद अर्पित किया है आपने उस वीरबाला को आपके ही शब्द पुनः दोहराऊंगी मलाला के लिए 

सब कष्ट हरौ अरु स्वस्थ करौ करि आज कृपा पुनि दीनदयाला.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
16 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
23 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
23 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
yesterday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
Thursday
LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service