जहाँ न पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि, तथा जहाँ न पहुँचे ईष्ट वहाँ पहुँचे कार्टूनिष्ट ! बधाई आदरणीय विनय कुल जी | आज ओ बी ओ मुख्य पृष्ठ पर प्रदर्शित दोनों कार्टून बहुत ही उम्दा है ।
आदरणीय विनयजी, प्लेट में जूते और कालीन वाला दोनों कार्टून आज देश के आम आदमी की मनोदशा का बखूबी बयान कर रहे हैं. जीने की ज़द्दोज़हद में मिल रही तमाम तरह की दुश्वारियाँ लोगों के चेहरों पर दर्द की तरह उभर आ रही है. जीने की आधारभूत विन्दुओं को संजोने के क्रम में मनुष्य की संवेदना समाप्त होती जा रही है. आपको इस सृजनशीलता के लिए अनेकानेक बधाइयाँ
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Vinay Kull's Comments
Comment Wall (201 comments)
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सदस्य कार्यकारिणीrajesh kumari said…
बहुत बढ़िया कार्टून आजकल मेरी नातिन भी स्कूल ना जाने के बहाने बना रही है क्या उसे भी !!!
सदस्य कार्यकारिणीrajesh kumari said…
इस सरकार पर जब एक नेता की पत्नी ही भरोसा नहीं कर सकती तो बाकी का समझ जाओ बहुत बढ़िया कटाक्ष बधाई विनय कुल जी |
हाल की दुखद और क्षोभ कारक घटना पर सांकेतिक रूप से हस्तेक्षेप करता व्यंग्य चित्र, बहुत सशक्त !!
क्या कहने आदरणीय श्री विनय जी वाह .'.पहले नैतिकता सिद्ध हो' ... शानदार एंगल, हार्दिक बधाई इस सफल चुटीले व्यंग्य चित्र पर !!
सदस्य टीम प्रबंधनDr.Prachi Singh said…
हाहाहा
हाहाहा
हर शाख पे कल्लू बैठा है
संसद का सामयिक चित्रण कर दिया आदरणीय विनय जी ..... बहुत सुन्दर कार्टून,
इस गज़ब की व्यंग-कला के लिए बहुत बहुत बधाई.
सादर.
सदस्य टीम प्रबंधनDr.Prachi Singh said…
सपने की तरक्की पर हकीकत की बीवी से झगड़ा.. हाहाहा ... ये दौड़ है ही ऐसी अच्छे अच्छों को होश नहीं रहता
बढ़िया कार्टून... चैन से सपनों में ही मजे ले लें
सदस्य कार्यकारिणीrajesh kumari said…
बेहतरीन कटाक्ष विनय कुल जी बहुत उत्तम कार्टून हार्दिक बधाई इन नेताओं को किसी की जान की क्या परवाह रनों की परवाह है
शुक्रिया सर । :)
सदस्य कार्यकारिणीrajesh kumari said…
होली का कार्टून देख् कर मजा आ गया क्या लट्ठ मार होली है हा हा हा ,आपको भी होली की बधाई
सदस्य टीम प्रबंधनSaurabh Pandey said…
ग़ज़ब !!.. छनछनाकर लगा है आजका कार्टून !..
आदरणीय विनय जी की सृजनशीलता पर हृदय जहाँ विस्मित है, वहीं आजके हालात पर विदग्ध..
मुख्य प्रबंधकEr. Ganesh Jee "Bagi" said…
जहाँ न पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि, तथा जहाँ न पहुँचे ईष्ट वहाँ पहुँचे कार्टूनिष्ट ! बधाई आदरणीय विनय कुल जी | आज ओ बी ओ मुख्य पृष्ठ पर प्रदर्शित दोनों कार्टून बहुत ही उम्दा है ।
सदस्य टीम प्रबंधनSaurabh Pandey said…
आदरणीय विनयजी, प्लेट में जूते और कालीन वाला दोनों कार्टून आज देश के आम आदमी की मनोदशा का बखूबी बयान कर रहे हैं. जीने की ज़द्दोज़हद में मिल रही तमाम तरह की दुश्वारियाँ लोगों के चेहरों पर दर्द की तरह उभर आ रही है. जीने की आधारभूत विन्दुओं को संजोने के क्रम में मनुष्य की संवेदना समाप्त होती जा रही है. आपको इस सृजनशीलता के लिए अनेकानेक बधाइयाँ
बहुत खूब श्री विनय जी यह सस्ती चीज़े तो उन्हें ही मुबारक !!! :-)
सही फ़रमाया आपने आदरणीय .... जो कोई भी काम करेगा अपने सगों को भी ठगेगा !
बहुत खूब कार्टून ...
विनय जी दलाली का ऐसा युग आ गया है कि जैसे दलाली बिना कोई कम ही नहीं हो सकता . सामायिक अभिव्यक्ति के लिए बधाई।
सदस्य कार्यकारिणीrajesh kumari said…
कुंभ के कार्टून वाह वाह मजा आ गया देख् कर विनय कुल जी बधाई
कार्टून बड़ा सामायिक और अच्छा लगा।बधाई।
सदस्य कार्यकारिणीrajesh kumari said…
हाहाहा महेन्द्र सिंह धोनी वाला कार्टून बहुत मजेदार है दूसरा भी बढ़िया है पडोसी को चिढाने के लिए बधाई आपको दोनों कार्टून हेतु विनय जी
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