sir ..mujhe khud par naaz he ki me har kadam apne maa papa ke kaam aai ..! ..meree maa w papa jab jab beemar hue maine unkee maa ban ke unkee dekh rekh kee hai ..abhee pichle saal hee mere shreer se kai cheejen nikaal kar mere papa ko lagai jaise mera fats mera blood ,mera bonemerrow ..panch saal phle mummee ko bhee mera blod ..diya ..wo dono theek hain ..to mujhe behad khushee hai ..!
आदरणीय योगराज प्रभाकर जी, बहुत बहुत बधाई हो, ऒपन बुक्स आनलाइन की प्रबन्धन टीम आपको फीचर मेम्बर बनाने का फैसला करते हुए आपको फीचर मेम्बर के रूप मे सम्मानित कर दिया है, उम्मीद है कि आप संरक्षक , मार्गदर्शक और अभिभावक के रूप मे अपना आशिर्वाद प्रदान करेगे,
धन्यबाद सहित आपका
ADMIN
OBO
badhai ho yograj jee......raua ab feature member bani aur humni ke abhibhavak bhi........raur margdarshan ke jarurat rahi humni ke.....
ek baar fer se bahut bahut badhai ho ..........
HINDI ME.........
badhai ho yograj jee.....aap ab feature member hain aur humlog ke guardian bhi...aapke margdarshan ki jarurat rahegi humlogo ko....
ek baar fir se bahut bahut badhai ho FEATURE MEMBER hone ke liyeeeeeee
Aadrniya Prbhakar ji saadr namste ..!
aapkee ye gzal padh kar to koi pathhar hridya bhee kavi ban jayegaa ,,ye gzal itnee khoobsurat hai ki nadee sunee to lahraa uthegee ,hwa ne sunee to jhoom uthegee ,,panchee cahak uthenge ..or samndar laraj uthegaa..laazwab hai aapkee gzal ..
आदरणीय प्रभाकर जी,माफ़ी चाहुगा पिछला कमेंट्स मे आदरणीय शब्द छुट गया था , मैने आप से निवेदन किया है , हुक्म करने की औकात अभी मुझमे नहीं है, आप का ब्लॉग बिलकुल सही जगह से पोस्ट हो गया है, आपके आशीर्वाद और मार्गदर्शन के आकांछा मे,
ADMIN
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योगराज प्रभाकर जी प्रणाम,
मैने आप की रचना आशा जी के पेज पर पढ़ा, बहुत ही अच्छा रचना है, निवेदन है की उस रचना को आप ब्लॉग मे पोस्ट कर देते तो अच्छा रहता ,ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के सभी सदस्यों के अलावा open books online के visitor भी आप की रचनाओ को पढ़ पाते,
आपका अपना ही
ADMIN
OBO
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
योगराज प्रभाकर's Comments
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सदस्य टीम प्रबंधनRana Pratap Singh said…
ScrapU
Happiness Quotes | Forward this Graphic
सादर नमस्कार
आप खुद तो बहुत अच्छा कहते ही हैं
आपने जनाब हिलाल अहमद "हिलाल" के 7 कत'आत पढवा कर
मन मुघद कर दिया है
आपका अनुज
DEEPAK KULUVI
@► योगी भैय्या , यहाँ भी मित्र के रूप में आपका स्वागत है ...
.
- जया केतकी
श्रावण मास के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि नागपंचमी का त्यौहार सर्पाे को समर्पित है।
धन्यबाद सहित आपका
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aapkee ye gzal padh kar to koi pathhar hridya bhee kavi ban jayegaa ,,ye gzal itnee khoobsurat hai ki nadee sunee to lahraa uthegee ,hwa ne sunee to jhoom uthegee ,,panchee cahak uthenge ..or samndar laraj uthegaa..laazwab hai aapkee gzal ..
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