For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कुछ दोहे - क्रोध पर

बड़े लोग कहते रहे, जीतो काम व क्रोध.

पर ये तो आते रहे, जीवन के अवरोध.  

माफी मांगो त्वरित ही, हो जाए अहसास.

होगे छोटे तुम नहीं, बिगड़े ना कुछ ख़ास.

क्रोध अगर आ जाय तो, चुप बैठो क्षण आप.

पल दो पल में हो असर, मिट जाएगा ताप .

रोकर देखो ही कभी, मन को मिलता चैन.

बीती बातें भूल जा, त्वरित सुधारो बैन  .

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 1009

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on February 9, 2019 at 9:31pm

प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी!

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on February 8, 2019 at 4:57am

आ. भाई जवाहर लाल जी, अच्छे दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई ।

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on February 7, 2019 at 7:01pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय समर कबीर साहब!

Comment by Samar kabeer on February 7, 2019 at 5:29pm

ठीक है भाई ।

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on February 7, 2019 at 4:00pm

आदरणीय समर कबीर साहब, आपका सुझाव स्वागतेय है. मैंने सुधार और सुझाव के लिए ही यहाँ प्रस्तुत किये हैं. 

पहले दोहे में - सुधार के रूप में प्रस्तुत कर रहा हूँ 

"पर ये सब आते रहे, जीवन में अवरोध".  तात्पर्य मेरा यही है कि जीवन में अवरोध के रूप में काम क्रोध आते ही रहते हैं... आप उचित सुझाव देंगे...

व्याकरण की गलती बताने के लिए आपका हार्दिक आभार.. सादर 

Comment by Samar kabeer on February 7, 2019 at 3:12pm

जनाब जवाहर लाल सिंह जी आदाब,अच्छे दोहे रचे आपने,बधाई स्वीकार करें ।

'बड़े लोग कहते रहे, जीतो काम व क्रोध.

पर ये तो आते रहे, जीवन के अवरोध.'

इस दोहे की दोनों पंक्तियों में ताल मेल नहीं है,देखियेगा ।

'रोकर देखो ही कभी, मन को मिलता चैन.

बीती बातें भूल जा, त्वरित सुधारो बैन  .'

इस दोहे की पहली पंक्ति में 'ही' शब्द भर्ती का है,इसकी जगह 'तो' शब्द उचित होगा,और दूसरी पंक्ति में 'भूल जा' एक वचन है,और 'सुधारो' बहुवचन,इसलिये 'भूल जा' की जगह "भूल कर'' उचित होगा ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . लक्ष्य

दोहा सप्तक. . . . . लक्ष्यकैसे क्यों को  छोड़  कर, करते रहो  प्रयास । लक्ष्य  भेद  का मंत्र है, मन …See More
37 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज जी, ओबीओ के प्रधान संपादक हैं और हम सब के सम्माननीय और आदरणीय हैं। उन्होंने जो भी…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय अमीरुद्दीन साहब, आपने जो सुझाव बताए हैं वे वस्तुतः गजल को लेकर आपकी समृद्ध समझ और आपके…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सुशील भाई , दोहों के लिए आपको हार्दिक बधाई , आदरणीय सौरभ भाई जी की सलाहों कर ध्यान…"
2 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । "
2 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ।... मतले पर…"
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय शिज्जु "शकूर" जी आदाब अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ, कुछ सुझाव पेश…"
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"ऐसे😁😁"
15 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"अरे, ये तो कमाल  हो गया.. "
16 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय नीलेश भाई, पहले तो ये बताइए, ओबीओ पर टिप्पणी करने में आपने इमोजी कैसे इंफ्यूज की ? हम कई बार…"
16 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आपके फैन इंतज़ार में बूढे हो गए हुज़ूर  😜"
17 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service