For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

'दिल में हमारे दर्द-ए- महब्बत रखा गया'

मफ़ऊल फ़ाइलात मफ़ाईल फ़ाइलुन

(हुस्न-ए-मतला और उसके बाद का शे'र क़ित'अ बन्द हैं)

जब इम्तिहान-ए-शौक़-ए- शहादत रखा गया

इनआम उसका दोस्तो जन्नत रखा गया

पहले तो इसमें नूर-ए-सदाक़त रखा गया

फिर इसके बाद जज़्ब-ए- उल्फ़त रखा गया

तकलीफ़ दूसरों की समझ पाएँ इसलिये

दिल में हमारे दर्द-ए-महब्बत रखा गया

कोई भी शय फ़ुज़ूल नहीं इस जहान में

हर एक शय को हस्ब-ए-ज़रूरत रखा गया

लेता नहीं है रोज़ वो आमाल का हिसाब

ये फैसला तो रोज़-ए-क़यामत रखा गया

अह्ल-ए-वफ़ा तो एक भी आया नहीं नज़र

बस्ती में जब भी जश्न-ए-महब्बत रखा गया

हम रहरवान-ए-शौक़ की राहों में ऐ "समर"

दरया रखा गया कभी पर्बत रखा गया

"समर कबीर"

मौलिक/अप्रकाशित

Views: 825

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SALIM RAZA REWA on February 25, 2018 at 4:23pm
वाह वाह जनाब समर साहब,
बहुत ही खूबसूरत रदीफ़ क़फ़िया से सजी ग़ज़ल हुई है एक एक शेर ख़ूबसूरत... मुबारक़बाद बाद..
जब इम्तिहान-ए-शौक़-ए- शहादत रखा गया
इनआम उसका दोस्तो जन्नत रखा गया..
वाह.
तकलीफ़ दूसरों की समझ पाएँ इसलिये
दिल में हमारे दर्द-ए-महब्बत रखा गया

कोई भी शय फ़ुज़ूल नहीं इस जहान में
हर एक शय को हस्ब-ए-ज़रूरत रखा गया

लेता नहीं है रोज़ वो आमाल का हिसाब
ये फैसला तो रोज़-ए-क़यामत रखा गया
... वाह
Comment by amod shrivastav (bindouri) on February 25, 2018 at 3:49pm

आ दादा बहुत सुंदर रचना नमन 

मुझे ..बहुत अच्छे लगे ..

लेता नही....आमाल का हिसाब

 और इसके बाद के दोनों शे'र .....बधाई स्वीकारें सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service