For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मिलन का प्रथम प्रहर

चारुलता सी पुष्प सुसज्जित, चंद्रमुखी तन ज्योत्स्ना.
खंजन- दृग औ मृग- चंचलता, मानों कवि की कल्पना.
उन्नत भाल -चाल गजगामिनी, विधि की सुन्दर रचना है.
मंद समीर अधीर छुवन को, सच या सुंदर सपना है.
निष्कलंक -निष्पाप ह्रदय में, पिया-मिलन की कामना.
खंजन-दृग औ मृग-चंचलता, मानों कवि की कल्पना.
तना-ओट से प्रिय को निहारा, नयन उठे और झुक भी गए.
प्रिय- प्रणय की आस ह्रदय में, कदम उठे और रुक भी गए.
थरथर कांपे होंठ हुआ जब, प्रिय से उसका सामना.
खंजन-दृग औ मृग-चंचलता, मानों कवि की कल्पना.
नयन-कोर से रह-रह बहके, धार कुंवारे काजल की.
कंधे से रह-रह कर कटि तक , सरके अल्हड़ आँचल भी.
प्रिय ने लिया आलिंगन में तब, पुरी(पूरी)हुई चिर साधना.
खंजन-दृग औ मृग-चंचलता,मानों कवि की कल्पना.
गीतकार-सतीश मापतपुरी
मोबाइल- 9334414611

Views: 393

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on July 5, 2010 at 6:06pm
Satish Bhaiya aap key lekhani ka koi saani nahi hai, aap har bidha mey likh letey hai, bahut sunder rachna , eeswar aap ki kalam ko shakti dey , jai hoooooooo

प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on June 30, 2010 at 7:20pm
वाह वाह वाह सतीश भाई - बहुत खूब, आनंद आ गया आपका ये गीत पढ़कर ! समा बंद दिया आपकी इस काव्य प्रस्तुति ने ! श्रृंगार रस की चाशनी में डूबे हुए इस गीत की हर पंक्ति स्वयं गाती हुई प्रतीत हो रही है ! भाषा, भाव, अभिव्यक्ति और प्रवाह समेत हरेक दृष्टीकोण से भी यह एक निहायत ही सफल रचना है ! में तह-ए-दिल से आपको मुबारकबाद देता हूँ !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
9 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
10 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
10 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service