For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल :शिकस्ता दिल है...

1222×4

शिकस्ता दिल है, रंजोग़म से ये क्योंकर उबर जाए
जज़ा ये है अब आँखों में ज़रा ख़ूँ भी उतर जाए.

हम एेसे सच्चे दिल का हैं ख़तावार आज ऐ यारो
कि चलने भी न संगे राह दे, तल्वीम कर जाए.

कहाँ कुछ बदले हैं हालात मेरे चंद सालों में
लकीरे दस्त पे कोई मेरे भीतर विफर जाए.

कदम इन कुर्सियों पे बैठ कर बस धुन हीं लेता हूँ
ये पा ए पीर क्या निकले भी घर से और घर जाए.

बहुत दिन एक से हालात में गुज़री ह़यात,अब तो
कोई लम्हा तसल्ली बख़्श हमको शाद कर जाए.

अभी बाकी है कू ए यार का तै़शो तमाशा देख!
दयारे इश्क़ से कैसे कोई यूँ हीं गुज़र जाए.

तल्वीम - मलामत करना, बुरा भला कहना

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 519

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by shree suneel on June 3, 2016 at 1:31am
आदरणीय गिरिराज सर जी, ग़ज़ल तक आने.. इसकी सराहना और उत्साहवर्धन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद. सादर.

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 29, 2016 at 8:40am

आदरनीय श्री सुनील भाई , बज़ल खूब खी है , दिल से बधाइयाँ आपको ।

अभी बाकी है कू ए यार का तै़शो तमाशा देख!
दयारे इश्क़ से कैसे कोई यूँ हीं गुज़र जाए.   -- लाजवाब , बधाई इस शेर के लिये अलग से ।

Comment by shree suneel on May 28, 2016 at 2:01am
ग़ज़ल में शिर्कत व सराहना के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय बशर भारतीय जी. सादर.
Comment by shree suneel on May 28, 2016 at 1:59am
सराहना के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय समर कबीर सर जी. सादर
Comment by Samar kabeer on May 26, 2016 at 12:25pm
जनाब श्री सुनील जी आदाब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है, बधाई स्वीकार करें ।
Comment by बशर भारतीय on May 26, 2016 at 7:13am
अभी बाकी है कू ए यार का तै़शो तमाशा देख!
दयारे इश्क़ से कैसे कोई यूँ हीं गुज़र जाए.

बहुत बढ़िया वाह

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
14 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
14 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
17 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
17 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
17 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
17 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
17 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service