For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गजल - जिन्दगी का एक पन्ना और गया।

२१२२ २१२२ २१२

जिन्दगी का एक पन्ना और गया।
याद तेरी छोडकर सब ले चला।

कुछ तो गम की बेडियों में कैद था।
कुछ हमेशा वक्त को रोता रहा।

हम रखे बस हर घडी तेरी खबर।
दीन दुनिया से हमें लेना है क्या।

जानकर पहचान कर अनजान है।
बेरहम वो बेहया वो बेवफा।

ख्वाइशें सब दिल की दिल में रह गयी।
इसकदर जालिम का हर इक लफ्ज था।

कुछ बहुत खुश हो के मिलते है हमें।
कुछ हमेशा देते रहते बद्दुआ।

मौलिक व अप्रकाशित ।

Views: 568

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Samar kabeer on January 1, 2016 at 10:24pm
आपको कौन भूल सकता है भाई,चिंता न करें सब परेशानियां दूर हो जाएँगी,हर रात की सहर है!
Comment by Rahul Dangi Panchal on January 1, 2016 at 10:04pm
आदरणीय Samar kabeer साहब जी कुछ लिखा ही बहुत दिन बाद है इन दिनों बहुत जटिल समस्याओं के दौर से गुजर रहा हूँ शायद जिन्दगी में इनसे बुरे दिन फिर न आये। ऐसा लग रहा था लिखना भूल गया हूँ फिर कुछ कोशिश आपको पसन्द आयी शुक्रिया । खुशी इस बात है कि मेरा परिवार OBO मुझे भूला नहीं ।
Comment by Rahul Dangi Panchal on January 1, 2016 at 10:00pm
आदरणीय श्याम नरायण जी शुक्रिया व नववर्ष की ढेरों शुभकामनाएँ
Comment by Samar kabeer on January 1, 2016 at 3:57pm
जनाब राहुल डांगी जी आदाब, बहुत दिन बाद आपकी ग़ज़लः पढ़ने को मिली,बहुत ख़ूब वाह,बधाई स्वीकार करें |
Comment by Shyam Narain Verma on January 1, 2016 at 11:32am
बहुत बहुत बधाई इस सुन्दर ग़ज़ल पर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service