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अन्ना , मेरे भरोसे मत रहना / प्रदीप नील

लगे रहो तुम मेरे प्यारे, पीछे मत हटना अन्ना हज़ारे
सोलह से अनशन ज़रूर करना, अब किसी से ज़रा न डरना
क्योंकि पूरा देश तुम्हारे साथ है
पर ये और बात है,
कि मैं नहीॅं आ पाऊंगा ।
क्योंकि बिजली चोरी करते पकड़ा गया था
ज़ुर्माना भरने अदालत जाऊंगा
मज़बूरी है वर्ना ज़़रूर आता , साथ तुम्हारे नारे लगाता
गली-गली में शोर है, हर एक नेता चोर है ।।

अन्ना, मैं सत्रह को भी नहीं आ पाऊंगा
नया मकान खरीदा है, रजि़स्ट्री कराने जाऊंगा
मैं वहां मौज़ूद रहा तो दो पैसे बचा लूंगा
पचास लाख का मकान लिया है, बीस लाख का दिखा दूंगा
किसी के बाप का क्या जाता है, देश में हर कोई तो खाता है
मज़बूरी है वर्ना ज़़रूर आता , साथ तुम्हारे नारे लगाता
गली-गली में शोर है, हर एक नेता चोर है ।।

अन्ना, अठारह को भी बहुत टेंशन है, क्योंकि हमारे यहां इलेक्षन है
मैंने दोनों उम्मीदवारों को आश्वासन दे रखा है
और दोनों से ही पैसा ले रखा है
ईमानदार हूं इसलिए पोलिंग बूथ जाऊंगा
दोनों के ही चुनाव-चिह्न पर मोहर लगा के आऊंगा
मज़बूरी है वर्ना ज़़रूर आता , साथ तुम्हारे नारे लगाता
गली-गली में शोर है, हर एक नेता चोर है ।।

अन्ना बीस को बी पी एल के कार्ड बनेंगे
चार मोबाइल हैं घर में, पर हम भी लाईन में लगेंगे
इक्कीस को फर्जी डिग्री खरीदने जाना है, बेटे को नौकरी भी लगवाना है
बाइस को नकली घी की फैक्टरी का उद्घाटन कराना है
तेइस को गाड़ी में किचन सिलेंडर फिट करवाना है
कौन कहता है यह सब भ्रष्टाचार है
यह तो अब पूरे देश का व्यवहार है
किसी के बाप का क्या जाता है, देश में हर कोई तो खाता है
और फिर भी यही चिल्लाता है
गली-गली में शोर है, हर एक नेता चोर है .

अन्ना क्या तुम्हे भी याद है
सिरफ छह महीने पहले की बात है
मैं जिस भी गली गुज़रता था, बस एक ही नारा सुनता था-
सौ में से निन्यानवे बेईमान, फिर भी मेरा देश महान
रातों-रात कैसे ये नारे बदल गए
क्या मेरे देश के लोग सारे, सचमुच बदल गए?
तुम्हारी टोपी पहनी ऐसी, हम तो उजले दिखने लगे
और नेता सारे के सारे सफेद बगुले दिखने लगे
अन्ना तूने किया कमाल, भारतवासी हुए निहाल
लगे रहो बस यूं ही प्यारे, पीछे मत हटना अन्ना हज़ारे
सोलह से अनशन ज़रूर करना, अब किसी से ज़रा न डरना
क्योंकि पूरा देश तुम्हारे साथ है
पर ये और बात है,
कि मैं नहीॅं आ पाऊंगा ।

( मौलिक तथा अप्रकाशित )

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Comment

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Comment by प्रदीप नील वसिष्ठ on January 2, 2016 at 11:19am

बहुत आभार आदरणीय Dr Ashutosh Mishra  आपने मेरी रचना को पढ़ने तथा सारगर्भित टिप्पणी देने के लिए अपने कीमती समय में से समय निकाला। 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on December 30, 2015 at 10:22am

वाह ..बातों बातों में आप ने सब कुछ ह दिया ..इस रचना के लिए हार्दिक बधाई सादर 

कृपया ध्यान दे...

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