For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल : रूह भी इन पर्वतों की दूध जैसी है

बह्र : २१२२ २१२२ २१२२ २

 

जिस्म की रंगत भले ही दूध जैसी है

रूह भी इन पर्वतों की दूध जैसी है

 

पर्वतों से मिल यकीं होने लगा मुझको

हर नदी की नौजवानी दूध जैसी है

 

छाछ, मक्खन, घी, दही, रबड़ी छुपे इसमें

पर्वतों की ज़िंदगानी दूध जैसी है

 

सर्दियाँ जब दूध बरसातीं पहाड़ों में

यूँ लगे सारी ही धरती दूध जैसी है

 

तेज़ चलने की बिमारी हो तो मत आना

वक्त लेती है पहाड़ी, दूध जैसी है

------------

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 960

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on July 2, 2015 at 10:58am
बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीया परी जी
Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on July 2, 2015 at 10:57am
बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीया कान्ता जी
Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on July 2, 2015 at 10:57am
तह-ए-दिल से शुक्रगुज़ार हूँ आदरणीय गिरिराज भंडारी जी
Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on July 2, 2015 at 10:56am
बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय राहुल जी
Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on July 2, 2015 at 10:53am
बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय सुनील जी
Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on July 2, 2015 at 10:49am
बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी
Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on July 2, 2015 at 10:48am
बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय सुनील जी
Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on July 2, 2015 at 10:46am
तह-ए-दिल से शुक्रगुज़ार हूँ आदरणीय मिथिलेश जी
Comment by Pari M Shlok on July 2, 2015 at 9:17am
तेज़ चलने की बिमारी हो तो मत आना
वक्त लेती है पहाड़ी, दूध जैसी है

लाज़वाब
Comment by kanta roy on July 1, 2015 at 9:14pm
रूह भी इन पर्वतों की दूध जैसी है..... रूह का दूध जैसा निर्मल मृदल अमृत होने को साकार कर दिया आपने अपनी रचना में आदरणीय धर्मेन्द्र कुमार जी आपने वाह !!!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
9 minutes ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"जिन स्वार्थी, निरंकुश, हिंस्र पलों का यह कविता विवेचना करती है, वे पल नैराश्य के निम्नतम स्तर पर…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Jul 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Jul 30
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Jul 29
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service