For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"यह क्या मिसेस खरे आप अपने नौकरों के बच्चों को ट्यूशन पढाती है ।आखिर जरूरत क्या है आपको।"
"सही कहा मिसेस वर्मा पर आप ही देखिए कि सब जगह मेरे इस परोपकार के कितने चर्चे है ।और एक राज की बात कि मेरे इस टाईमपास ने मेरे नौकरों को मेरा बधुआ मजदूर बना रखा है ।वरना पता है ना आपको कि आजकल अच्छे नौकर मिलना कितना मुश्किल हो गया है।"
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 481

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by neha agarwal on July 15, 2015 at 8:14pm
आपका सादर धन्यवाद आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 6, 2015 at 3:42am

आदरनीया नेहाजी, क्या बात है !  जय हो..  हार्दिक शुभकामनाएँ

Comment by neha agarwal on July 3, 2015 at 4:06pm
सादर धन्यवाद श्री मिथिलेश वामनकर जी।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on June 28, 2015 at 3:11am

सटीक 

पूरी तरह प्रभावित करती सफल लघुकथा 

इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई आदरणीया नेहा जी

Comment by neha agarwal on June 23, 2015 at 12:11pm
सारद धन्यवाद आदरणीय श्री गोपाल नारायण जी।
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on June 20, 2015 at 12:57pm

बहुत बढ़िया , आदरणीया .

Comment by neha agarwal on June 20, 2015 at 12:10pm
सादर धन्यवाद आदरणीया अर्चना त्रिपाठी दी।
Comment by neha agarwal on June 20, 2015 at 11:18am
सादर धन्यवाद आदरणीय विनय कुमार सिहं जी।
Comment by Archana Tripathi on June 20, 2015 at 1:44am
दोनों और से स्वार्थ,उत्तम प्रस्तुति बधाई नेहा अग्रवाल जी
Comment by विनय कुमार on June 19, 2015 at 9:54pm

बहुत सुन्दर लघुकथा आदरणीया नेहा अग्रवाल जी , आम के आम , गुठलियों के दाम..

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
7 hours ago
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
16 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
16 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
yesterday
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service