For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बह गये तूफान में वो जा किनारे से लगे- ग़ज़ल

2122/ 2122/ 2122/ 212

बह गये तूफान में वो जा किनारे से लगे

लड़ने वाले ही मगर सब बेसहारे से लगे

 

हार के बाहर हुये वो चैन की अब साँस लें

जीतने की जो कहें मुझको वो हारे से लगे

 

बारहा मेरे करीब आकर ठहर जाते हैं यूँ

ये हवादिस मेरी किस्मत के इशारे से लगे

 

लुट गया सामां सफर में हर मुसाफिर का यहाँ

लोग भी बेआस बेबस गम के मारे से लगे

 

कागज़ों पर है नुमायाँ हाले दिल मेरा “शकूर”

राख से कुछ हर्फ़ कुछ उनमें शरारे से लगे

 

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 861

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on April 15, 2015 at 7:03am

आदरणीय श्यामनारायणजी आपका बहुत बहुत शुक्रिया


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on April 15, 2015 at 7:02am

आदरणीय नरेन्द्र सिंह चौहान जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on April 15, 2015 at 7:01am

आदरणीया सविता मिश्रा जी आपका बहुत बहुत शु्क्रिया


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on April 15, 2015 at 7:01am

जनाब समर कबीर साहब आप जैसे ग़ज़लगो तारीफ पाना उत्साह का कारण होता है आपका तहेदिल से शुक्रिया


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on April 15, 2015 at 6:59am

आदरणीय गिरिराज सर आपका तहदिल से शुक्रिया। आपके सुझावों का सदैव स्वागत है 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on April 15, 2015 at 6:58am

आदरणीय डॉ विजय शंकर सर आपका बहुत बहुत शुक्रिया


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on April 15, 2015 at 6:58am

आदरणीय डॉ विजय शंकर सर आपका बहुत बहुत शुक्रिया

Comment by दिनेश कुमार on April 14, 2015 at 6:58pm
कमाल किया है आदरणीय शिज्जू भाई। वाह वाह

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 14, 2015 at 5:01pm

वाह शिज्जू भाई वाह, अच्छी ग़ज़ल हुई है, दाद देता हूँ.

Comment by Nidhi Agrawal on April 14, 2015 at 2:48pm

बढियां ग़ज़ल हुई आदरणीय शिज्जू सर !

बारहा मेरे करीब आकर ठहर जाते हैं यूँ

ये हवादिस मेरी किस्मत के इशारे से लगे   - बहुत सुन्दर शेर हुआ है 

कागज़ों पर है नुमायाँ हाले दिल मेरा “शकूर”

राख से कुछ हर्फ़ कुछ उनमें शरारे से लगे - वाह वाह और बस वाह ! लाजवाब 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service