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अंदर अंदर रोता हूँ मैं, ऊपर से मुस्काता हूँ,

गजल लिखने का प्रयास मात्र है, कृपया सुधारात्मक टिप्पणी से अनुग्रहीत करें  

अंदर अंदर रोता हूँ मैं, ऊपर से मुस्काता हूँ,
दर्द में भीगे स्वर हैं मेरे, गीत खुशी के गाता हूँ.


आश लगाये बैठा हूँ मैं, अच्छे दिन अब आएंगे,
करता हूँ मैं सर्विस फिर भी, सर्विस टैक्स चुकाता हूँ.


राम रहीम अल्ला के बन्दे, फर्क नहीं मुझको दिखता,
सबके अंदर एक रूह, फिर किसका खून बहाता हूँ.


रस्ते सबके अलग अलग है, मंजिल लेकिन एक वही,
सेवा करके दीन दुखी का, राह खुदा का पाता हूँ.


हिंसा करना, शोर मचाना, ऐसी भी कोई पूजा है
प्रेम तत्व को खुद न समझा, औरों को समझाता हूँ.


तेरा मेरा उसका सबका, भेद बहुत ही है गहरा
इन भेदों से ऊपर उठकर, अखिल विश्व पा जाता हूँ

 (मौलिक व अप्रकाशित)

- जवाहर लाल सिंह 

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Comment by JAWAHAR LAL SINGH on April 9, 2015 at 9:23pm

हार्दिक आभार आदरणीय डॉ. आशुतोष मिश्र जी 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on April 4, 2015 at 1:46pm

आदरणीय जवाहर लाल जी  सरल शब्दों में बेहतरीन ग़ज़ल ..आपको हार्दिक बधाई सादर 

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on April 3, 2015 at 8:22pm

आदरणीय मोहन सेठी जी, सादर अभिवादन! उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया और पंक्तियाँ चिह्नित करने के लिए अतिशय आभार! 

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on April 3, 2015 at 8:20pm

आदरणीय समर कबीर साहब, अदाब! आपकी दाद मैं कबूल करता हूँ साथ ही आपके समर्थन के लिए हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ ..सादर!

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on April 3, 2015 at 4:04pm

बहुत ख़ूब आदरणीय .....बधाई ....सादर 

राम रहीम अल्ला के बन्दे, फर्क नहीं मुझको दिखता,
सबके अंदर एक रूह, फिर किसका खून बहाता हूँ.

Comment by Samar kabeer on April 3, 2015 at 3:32pm
जनाब जवाहर लाल सिंह जी,आदाब,अच्छी और सुन्दर.ग़ज़ल पेश की है आपने,शैर दर शैर दाद केसाथ मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाऐं |
Comment by JAWAHAR LAL SINGH on April 2, 2015 at 9:29pm

आदरणीय डॉ, विजय shankar जी, सादर अभिवादन! आपका उत्साह वर्धन मिलता रहे यही उम्मीद करता हूँ ..आगे मेरा प्रयास जरी रहेगा. सादर! 

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on April 2, 2015 at 9:27pm

आदरणीय श्याम मठपाल जी, सादर अभिवादन! उत्साह वर्धन का आभार! 

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on April 2, 2015 at 9:25pm

आदरणीय गिरिराज भंडारी साहब, सादर अभिवादन! आपकी उत्साह वर्धक प्रतिक्रिया का आभार!

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on April 2, 2015 at 9:23pm

आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी, सादर अभिवादन!

उत्साह वर्धन का आभार! 

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