For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अस्थियाँ चटकीं थीं तेरी कलाई की,
मुझसे हाँथ मिलाते हुए.

इसे समझी थी तुम, शायद,
मेरी शरारत, और,
मैं क्या समझा था, मुझे कुछ याद नही.

और अब- जबकि उसके बाद,
तुम आज तक न मिल सकी ,
सोचता हूँ - -

अस्थियों की वो चटक,
क्या एक प्रहेलिका थी
जिसका अर्थ था-
रिश्ते का 'फाइनल कट्'.

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 882

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by shree suneel on March 31, 2015 at 7:57pm
आ० श्याम सर, प्रोत्साहन के लिये बहुत - बहुत धन्यवाद.
Comment by Shyam Mathpal on March 31, 2015 at 7:24pm

आ.सुनील जी,

  गागर में  सागर  . हार्दिक बधाई.

Comment by shree suneel on March 31, 2015 at 5:50pm
आ० श्याम नारायण वर्मा जी, उत्साहवर्धन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद..
Comment by shree suneel on March 31, 2015 at 5:45pm
आ०विरेन्द्र वीर मेहता जी, रचना अच्छी लगी इसके लिए शुक्रिया...
Comment by Shyam Narain Verma on March 31, 2015 at 4:46pm

बहुत सुंदर रचना बधाई आपको

Comment by VIRENDER VEER MEHTA on March 31, 2015 at 3:17pm

बहुत सुन्दर आदरणीय श्री सुनील भाई ......" रिश्ते का 'फाइनल कट्'."  चंद शब्दों में रिश्ते का अवलोकन....

Comment by shree suneel on March 31, 2015 at 2:45pm
आ0 गोपाल नारायण श्रीवास्तव सर, कहन अच्छी लगी इसके लिए शुक्रिया. इस मंच पे नया हूँ सर. आशा है आप का मार्गदर्शन प्राप्त होता रहेगा. सादर.
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 31, 2015 at 12:39pm

आ० सुनील जी

इस पहलवानी से हाथ मिलाओगे तो फाइनल कट होगा ही . बहरहाल  आप की कहन अच्छी लगी . सादर .

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service