For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आँधियों में ही दीपक जलाते हैं हम

२१२/  २१२/    २१२   /२१२

आँधियों में ही दीपक जलाते हैं हम

आहिनी हैं इरादे दिखाते हैं हम

 

आपको देखते देखते क्या हुआ!

आईये दिल की धड़कन सुनाते हैं हम

 

चाँद के सामने चाँद कैसा लगे

सोच कर भी न कुछ सोच पाते हैं हम

 

आईने पर हमारी नजर जब पडी

सोच कर हंस दिए क्या छुपाते हैं हम

 

बेबफा ही सही प्यार तो प्यार है

याद आता है जितना भुलाते हैं हम

 

दोस्तों पे यकी आज भी है हमें

दोस्ती की कसम अब भी खाते हैं

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 824

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 6, 2015 at 4:24pm

आदरणीय राम जू ..रचना पर आपकी प्रतिक्रिया के लिए  तहे दिल धन्यवाद सादर 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 6, 2015 at 4:23pm

आदरणीय शिज्जू जी ..मेरी रचनाओं को आपका स्नेह मिला है ..आपके मशविरे पर अमल कर रहा हूँ और सतत कोशीश कर रहा हूँ ..बहुत बहुत धन्यवाद सादर 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 6, 2015 at 4:21pm

आदरणीय अजय जी ..रचना पर आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए तहे दिल धन्यवाद सादर 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 6, 2015 at 4:19pm

आदरणीय गिरिराज भाई साब ..रचना धर्मिता के इस सफ़र पर आप सदैव मेरे साथ हैं ..कभी मार्गदर्षन कभी उत्साह वर्धन ..आपका स्नेह यूं ही  मिलता रहे ..सादर 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 6, 2015 at 4:17pm

आदरणीय हरी प्रकाश जी ..रचना पर आपकी उत्साहित करती प्रतिक्रिया के लिए तहे दिल धन्यवाद सादर 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 6, 2015 at 4:17pm

आदरणीय गोपाल सर ..रचना आपको अच्छी लगी यह मेरे लिए सौभाग्य है ..आप का स्नेह यूं ही मिलता रहे सादर 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 6, 2015 at 4:14pm

आदरणीय बागी सर ..आपकी इस प्रतिक्रिया से मुझे बहुत उर्जा मिली है ..टंकण में हुई कमी को शीघ्र ही दूर करने की कोशिस करूंगा .हार्दिक धन्यवाद के साथ सादर 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 6, 2015 at 4:09pm

आदरणीय मिथिलेश जी आपके उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया से मेरा मनोबल बहुत बढ़ा है आपके मशविरे पर अमल करते हुए सुधर के लिए एडमिन महोदय को प्रेषित करूंगा ..सादर धन्यवाद 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 6, 2015 at 4:06pm

आदरणीय विजय सर ..आपका स्नेह यूं ही मिलता रहे इसी कामना के साथ सादर 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 6, 2015 at 4:06pm

आदरणीय अनुराग जी ..रचना पर आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए तहे दिल धन्यवाद सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति पर आने में मुझे विलम्ब हुआ है. कारण कि, मेरा निवास ही बदल रहा…"
1 minute ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
15 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. अजय गुप्ता जी "
16 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
11 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
11 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
12 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार। पंचकल त्रिकल के प्रयोग…"
13 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी, आपकी प्रस्तुति के लिए बधाई के साथ-साथ धन्यवाद भी। कि, इस पटल पर, इस खुले आयोजन…"
13 hours ago
Chetan Prakash commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"वाकई  खूबसूरत शुद्ध हिन्दी गजल हुई, आदरणीय! "कर्म हम रणछोड  के अनुसार भी करते…"
13 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीया रक्षिता जी,  आपकी इस कविता में प्रदता शीर्षक की भावना निस्संदेह उभर कर आयी…"
15 hours ago
Chetan Prakash commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक शेर की विषय - वस्तु…"
17 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service