For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

उनको अपने पास लिखूँ क्या?

उनको अपने पास लिखूँ क्या?
वो मेरे हैं ख़ास लिखूँ क्या?

तारीफ़ बहुत कर दी उनकी।
अपना भी उपहास लिखूँ क्या?

संत नहीं वह व्यभिचारी है।
उसका भी सन्यास लिखूँ क्या?

जिसने मेरा सबकुछ लूटा।
उसपे है विश्वास लिखूँ क्या?

जिसकी कोई नहीं कहानी।
उसका भी इतिहास लिखुँ क्या?

बूँद बूँद को तरसा है जो।
उससे पूँछो प्यास लिखुँ क्या?
************************
वज़्न_22 22 22 22
-राम शिरोमणि पाठक
मौलिक।अप्रकाशित

Views: 610

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 14, 2015 at 7:26pm

एक बहुत बढिया ग़ज़ल के लिए दिल से बधाई, भाई रामशिरोमणि.

और,
आखिरी दो शेरों के रदीफ़ का ’लिखूँ’ ’लिखुँ’ हो गया है.
सुधार करवा लें.

Comment by ram shiromani pathak on January 5, 2015 at 10:56am
आदरणीय डॉ विजई जी बहुत आभार आपका।
Comment by ram shiromani pathak on January 5, 2015 at 10:55am
सोमेश भाई बहुत बहुत आभार आपका
Comment by Dr. Vijai Shanker on December 31, 2014 at 10:36am
सुन्दर , बधाई, आदरणीय राम शिरोमणि पाठक जी, सादर।
Comment by somesh kumar on December 30, 2014 at 2:20pm

dusra aur panchva sher zyada achche lge ,bhai

Comment by ram shiromani pathak on December 30, 2014 at 10:48am
आदरणीय खुर्शीद जी हार्दिक आभार आपका।।सादर
Comment by ram shiromani pathak on December 30, 2014 at 10:47am
आदरणीय हरि प्रकाश जी आभार आपका
Comment by ram shiromani pathak on December 30, 2014 at 10:46am
भाई मिथिलेश जी हार्दिक आभार आपका
Comment by ram shiromani pathak on December 30, 2014 at 10:45am
शिज्जू भाई बहुत आभार आपका।।सादर
Comment by khursheed khairadi on December 30, 2014 at 10:36am

आदरणीय शिरोमणि जी उम्दा ग़ज़ल हुई है ,सादर अभिनन्दन |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"अच्छी ग़ज़ल हुई आ इस्लाह भी ख़ूब हुई आ अमित जी की"
1 minute ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी आ रिचा अच्छी ग़ज़ल हुई है इस्लाह के साथ अच्छा सुधार किया आपने"
2 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय संजय जी सादर नमस्कार। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु हार्दिक बधाई आपको ।"
11 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Sanjay Shukla जी, बहुत आभार आपका। ज़र्रा-नवाज़ी का शुक्रिया।"
28 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Euphonic Amit जी, बहुत आभार आपका। ज़र्रा-नवाज़ी का शुक्रिया।"
28 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Dinesh Kumar जी, अच्छी ग़ज़ल कही आपने, बधाई है। "
30 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Richa यादव जी, अच्छी ग़ज़ल कही आपने, बधाई। इस्लाह से बेहतर हो जाएगी ग़ज़ल। "
34 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' ji, अच्छा प्रयास हुआ ग़ज़ल का। बधाई आपको। "
38 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. Chetan Prakash ji, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास रहा। सुझावों से निखार जाएगी ग़ज़ल। बधाई। "
43 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. अमीरुद्दीन 'अमीर' जी, ख़ूब ग़ज़ल रही, बधाई आपको। "
47 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय संजय जी। सादर अभिवादन स्वीकार करें। ग़ज़ल तक आने व प्रतिक्रिया हेतु बहुत बहुत आभार"
1 hour ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. Sanjay जी, अच्छा प्रयास रहा, बधाई आपको।"
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service