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ग़ज़ल - रात गहरी पहले तो आती ही है

2122 2122. 212

बात आ ना जाए अपने होठ पर
देखिए पीछे पड़ा सारा शहर

मत कहो तुम हाले दिल चुप ही रहो
क्यों कहें हम खुद कहेगी ये नजर

देखो कलियाँ खुद ही खिलती जाएँगी
गीत अब खुद गुनगुनाएँगे भ्रमर

हाथ थामें जब चलेंगे साथ हम
वक्त थम जाएगा हमको देखकर

रात गहरी पहले तो आती ही है
पर पलट करती है ऐलाने- सहर

पूनम शुक्ला
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 779

Comment

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Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 15, 2015 at 12:12pm

आदरणीया पूनम जी ..इस बेहतरीन ग़ज़ल का हर शेर उम्दा है ..रात गहरी पहले तो आती ही है
पर पलट करती है ऐलाने- सहरयह शेर मुझे बेहद पसंद आया ..ढेर सारी बधाई के साथ 

Comment by Anurag Prateek on December 31, 2014 at 7:17pm

बात ये  भी आ न जाए होठों पर – एक कोशिश मेरी भी- 

बात आ ना जाए अपने होठ पर- सुधारें --होंठ एक नहीं होता 


देखिए पीछे पड़ा सारा शहर

मत कहो तुम हाले दिल चुप ही रहो
क्यों कहें हम खुद कहेगी ये नजर  - वाह

आज कलियाँ खुद ही खिलती जाएँगी
गीत अब खुद गुनगुनाएँगे भ्रमर – वाह

हाथ थामें जब चलेंगे साथ हम
वक्त थम जाएगा हमको देखकर—वाह

रात गहरी लाख है अपनी जगह—मेरी कोशिश

सब उलट देती  है एलाने-सहर  

रात गहरी पहले तो आती ही है
पर पलट करती है ऐलाने- सहर- सुधारें


Comment by Dr Ashutosh Mishra on December 30, 2014 at 3:53pm

आदरणीया पूनम जी इस शानदार ग़ज़ल के लिये हादिक बधाई सादर 

Comment by मोहन बेगोवाल on December 28, 2014 at 10:14pm

  आदरनीया पूनम जी , सादगी कि संग कही गई  अर्थ भरपूर गज़ल पेश करने की बधाई हो 

Comment by LOON KARAN CHHAJER on December 25, 2014 at 6:55pm
आदरणीया पूनम शुक्ला जी,
जयजिनेन्द्र
शानदार ग़ज़ल...हार्दिक बधाई। मैं अपने अख़बार थार एक्सप्रेस में साभार प्रकाशित कर रहा हुँ.

धन्यवाद
Comment by भुवन निस्तेज on December 20, 2014 at 12:14am

रात गहरी पहले तो आती ही है
पर पलट करती है ऐलाने- सहर

क्या खूब कहन है आदरणीया....

बधाई स्वीकार करें...

Comment by Hari Prakash Dubey on November 26, 2014 at 2:35am

आदरणीया पूनम शुक्ला जी,शानदार ग़ज़ल...हार्दिक बधाई !

Comment by ram shiromani pathak on November 25, 2014 at 8:13pm
पूनम जी सुन्दर ग़ज़ल।।बधाई
Comment by MUKESH SRIVASTAVA on November 25, 2014 at 5:32pm

niceee

Comment by Meena Pathak on November 25, 2014 at 4:14pm

खूबसूरत गज़ल ..बधाई 

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