For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

माँ की ममता का नहीं, होता कोई अंत।
सरिता है माँ नेह की, माँ का प्यार अनंत।।

माता बहना रूप में, हरदम करती प्यार।
मन जिनका निर्मल सदा, होता ह्रदय उदार।।

करुणा प्यार दुलार का,माँ का हरदम भाव।
कष्टों पर औषधि सदृश, भर जाती है घाव।।

कैसी भी हो परिस्थिति, माँ ही रहती साथ।
अपने बच्चों का कभी, नहीं छोड़ती हाथ।।

त्याग समर्पण के लिये, जग में माँ का नाम।
माँ के चरणों में बसे, सारे तीरथ धाम।।

माँ की ममता का यहाँ, कितना सुन्दर रूप।
ठिठुरे तन को ज्यों मिले, सर्दी में प्रिय धूप।

-राम शिरोमणि पाठक"दीपक"
मौलिक/अप्रकाशित

Views: 1287

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on September 29, 2014 at 11:09pm

माँ की गरिमा में बहुत सुंदर दोहे. बधाई स्वीकारें आदरणीय राम भाई

Comment by khursheed khairadi on September 29, 2014 at 8:15am

आदरणीय राम शिरोमणि जी ,सुन्दर दोहावली है ,हार्दिक अभिनन्दन 

Comment by ram shiromani pathak on September 28, 2014 at 11:04pm
बहुत बहुत आभार आदरणीय अखिलेश जी।।सादर
Comment by ram shiromani pathak on September 28, 2014 at 11:03pm
बहुत बहुत आभार आदरणीया राजेश कुमरी जी।। सादर
Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on September 28, 2014 at 7:51pm

आदरणीय राम भाई 

माँ के रूप में ही भगवान हमारे साथ हैं ।

सुंदर दोहे , हार्दिक बधाई । 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 28, 2014 at 7:24pm

वाह वाह अतिसुन्दर माँ की महिमा में बहुत शानदार दोहे लिखे हैं सभी एक से बढ़कर एक बहुत -बहुत बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service