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हुई न खत्म मेरी दास्ताने ग़म यारो- ग़ज़ल

1212 1122 1212 22

हुई न खत्म मेरी दास्ताने ग़म यारो

हरेक लफ़्ज़ अभी अश्क़ से है नम यारो

 

है ज़िन्दगी तो यहाँ मुश्किलात भी होंगी

चलो जियें इसे हर सांस दम ब दम यारो

 

इधर चराग का जलना उधर हवा की रौ

ये मेरा ज़ोरे जिगर और वो सितम यारो

 

लिबास ही से न होगा कभी नुमायाँ सच

सफ़ेदपोश तो लगते हैं मुह्तरम यारो

 

रहा न बस कोई तहरीर पर किसी का अब

चलाना भूल गईं उँगलियाँ क़लम यारो

 

मैं रफ़्ता- रफ़्ता उबरने लगा हवादिस से

कि हौसला मेरे दिल में कहाँ है कम यारो

 

मुह्तरम =सम्माननीय

तहरीर =लिखावट

 

(मौलिक व अप्रकाशित)

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सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on July 8, 2014 at 8:14pm

आदरणीय सौरभ सर आपका तहेदिल से शुक्रिया


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on July 8, 2014 at 8:13pm

आदरणीय डॉ प्राची जी रचना को मान देने के लिये आपका तहेदिल से शुक्रिया


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 7, 2014 at 2:52am

वाह !

दिल से बधाई भाईजी.. .


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on July 3, 2014 at 2:03pm

है ज़िन्दगी तो यहाँ मुश्किलात भी होंगी

चलो जियें इसे हर सांस दम ब दम यारो.....................यही हौसला तमाम मुश्किलों के पार ले जाता है 

 

इधर चराग का जलना उधर हवा की रौ

ये मेरा ज़ोरे जिगर और वो सितम यारो......................बहुत खूब 

सुन्दर अश'आर हुए हैं आ० शिज्जू जी 

हार्दिक बधाई 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on June 28, 2014 at 1:42pm

आदरणीय अरुण भाई आपका बहुत बहुत शुक्रिया

Comment by अरुन 'अनन्त' on June 26, 2014 at 12:59pm

वाह भाई वाह बहुत ही खूबसूरत उम्दा ग़ज़ल कही है आपने ढेरों दिली बधाइयाँ स्वीकारें.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on June 25, 2014 at 6:27pm

आदरणीया अन्नपूर्णा जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on June 25, 2014 at 6:26pm

आदरणीय नरेन्द्र सिंह चौहान जी आपका हार्दिक आभार

Comment by annapurna bajpai on June 25, 2014 at 6:13pm

लाजवाब , बहुत खूब , बधाई आपको इस सुंदर गजल के लिए । 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on June 24, 2014 at 9:34pm

आदरणीय गिरिराज सर ये आपका बड़प्पन है जो मुझे इतना मान दे रहे हैं स्नेह यूँ ही बनाये रखें, रचना के समय देने और सराहने के लिये आपका तहेदिल से शुक्रिया।

कृपया ध्यान दे...

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