For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

खारे पानी के जीव

जब सूरज डूब जायेगा
सब कुछ समा जाएगा
महासागर की अतल गहराइयों में.
पर्वत का तुंग शिखर भी
नहीं बचेगा तृण मात्र
हड्डियों तक का नहीं रहेगा अस्तित्व.
जीवित रहेंगे फिर भी
खारे पानी के जीव ..
...............
नीरज कुमार नीर
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 825

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on May 18, 2014 at 12:15pm

छोटी प्यारी सुन्दर रचना बड़ी बात कह दिखा गयी
भ्रमर ५

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on May 16, 2014 at 10:55pm

सच! कितना कुछ कह देती है आपकी रचना, बधाई आपको आदरणीय नीरज जी

Comment by Neeraj Neer on May 16, 2014 at 6:53pm

आदरणीय अरुण भाई हार्दिक धन्यवाद आपका.. 

Comment by Neeraj Neer on May 16, 2014 at 6:52pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय लडिवाल साहब .. आपकी विस्तृत टिप्पणी से हौसलाफजाई हुई है.. स्नेह बनाये रखे, 

Comment by अरुन 'अनन्त' on May 16, 2014 at 5:21pm

आदरणीय नीरज भाई जी बहुत ही सार्थक रचना बहुत ही सटीक बयानी हुई है बधाई स्वीकारें.

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 16, 2014 at 8:45am

श्रष्टि की रचना हुई है प्रभु द्वारा तो कहते है समुद्र में कमल पुष्प पर देवी आगमन हुआ | जब अवसायन की कल्पना की 

जावे तो उसी अनुरूप केवल खारे पानी का सामुद्रिक जल में विचरण करते जीव ही रह पायेंगे | या हम यूँ कहे कि अच्छाई 

की समाप्ति पर बुराई मात्र रह जाने पर पुनः प्रभु द्वारा उद्भव की प्रक्रिया दोहराई जायेगी | विचार मंथन के लिए आपकी 

रचना बहुत अर्थ पूर्ण लगी जिसके लिए आपको हार्दिक बधाई |

Comment by Neeraj Neer on May 15, 2014 at 8:50pm

आदरणीया कुंती मुख़र्जी साहिबा बहुत बहुत धन्यवाद आपका .. आपको कविता अच्छी लगी तो कविता जरूर अच्छी ही होगी .. 

Comment by Neeraj Neer on May 15, 2014 at 8:48pm

आदरणीय शिज्जू शकूर साहब ... आपका हार्दिक धन्यवाद व्यक्त करता हूँ .. 

Comment by Neeraj Neer on May 15, 2014 at 8:47pm

आदरणीया डॉ प्राची सिंह साहिबा .. आपको कविता अच्छी लगी रचना धन्य हुई... आपके विस्तृत  कमेन्ट के लिए ह्रदय तल से आभार ..

Comment by Neeraj Neer on May 15, 2014 at 8:45pm

आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी आपका धन्यवाद..

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम -. . . . . शाश्वत सत्य
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । आपके द्वारा  इंगित…"
14 minutes ago
Mayank Kumar Dwivedi commented on Mayank Kumar Dwivedi's blog post ग़ज़ल
"सादर प्रणाम आप सभी सम्मानित श्रेष्ठ मनीषियों को 🙏 धन्यवाद sir जी मै कोशिश करुँगा आगे से ध्यान रखूँ…"
40 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम -. . . . . शाश्वत सत्य
"आदरणीय सुशील सरना सर, सर्वप्रथम दोहावली के लिए बधाई, जा वन पर केंद्रित अच्छे दोहे हुए हैं। एक-दो…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सुशील सरना जी उत्सावर्धक शब्दों के लिए आपका बहुत शुक्रिया"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय निलेश भाई, ग़ज़ल को समय देने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया। आपके फोन का इंतज़ार है।"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"मोहतरम अमीरुद्दीन अमीर 'बागपतवी' साहिब बहुत शुक्रिया। उस शे'र में 'उतरना'…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सौरभ सर,ग़ज़ल पर विस्तृत टिप्पणी एवं सुझावों के लिए हार्दिक आभार। आपकी प्रतिक्रिया हमेशा…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय गिरिराज भंडारी जी, ग़ज़ल को समय देने एवं उत्साहवर्धक टिप्पणी के लिए आपका हार्दिक आभार"
4 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
4 hours ago
Nilesh Shevgaonkar posted a blog post

ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा

आँखों की बीनाई जैसा वो चेहरा पुरवाई जैसा. . तेरा होना क्यूँ लगता है गर्मी में अमराई जैसा. . तेरे…See More
4 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सौरभ सर, मैं इस क़ाबिल तो नहीं... ये आपकी ज़र्रा नवाज़ी है। सादर। "
20 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service