For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नेट पे होती है बाते ,

नेट पे होती है बाते ,
फिर होती है मुलाकाते ,
यारो दिल की सुनो ,
कहता हु दोस्ती के नाते,
ये तो सुनहरा मौका ,
देता हैं (ओ बी ओ )
प्यार से मिलो और ,
प्यार में ही जिओ ,
गुरु के संग गणेश जी ,
और सतीश जी ,
पावन स्थल पटना,
मंदिर महाबीर की ,
तीनो जो हम मिले ,
दोस्ती दिल के खिले ,
लगता नहीं था यारो ,
पहली बार हम मिले ,
बरसो की दोस्ती हो ,
हो बरसो से मिलते रहे ,
दिल में बहुत हैं बाते ,
और मैं क्या कहू ,
जिस दिन होगी मुलाकाते ,
ओ दिन तो मैं गिनू ,
नेट पे होती है बाते ,
फिर कब होगी मुलाकाते ,

Views: 372

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sanjay Kumar Singh on June 5, 2010 at 3:52pm
Bahut hi achhi shuruwat, ab to har shahar mey aisi milan hoti raheygi,
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on June 3, 2010 at 10:42pm
waah guru jee waah......mujhe bahut afsos hai ki maine ye suhana din miss kar diya......
koi baat nahi agli baar main bhi rahunga....is baar ke liye ke main aap sabhi se maafi chahta hoon ki main nahi tha....

waise ye meet yaadgaar rahegi hamesha hamare dilon me.....

jai ho obo
Comment by Admin on June 3, 2010 at 4:18pm
वाह गुरु जी वाह , एक पवित्र रिश्ते की शुरुवात , एक पवित्र मंदिर का प्रांगन और दिल मे लिये हुवे एक पवित्र उद्देश्य , क्या बात है, ये तो बस एक सुरुवात है, तीन से शुरू यह सिलसिला जल्द ही तीनसौ, तीन हजार और फिर तीन लाख से भी ज्यादा, बस सोच अच्छी हो तो सब कुछ अच्छा ही होता है, जय हो ......
बहुत ही बढ़िया कविता , धन्यबाद ,
Comment by satish mapatpuri on June 3, 2010 at 4:12pm
गुरु के संग गणेश जी ,
और सतीश जी ,
पावन स्थल पटना,
मंदिर महाबीर की ,
तीनो जो हम मिले ,
दोस्ती दिल के खिले ,
लगता नहीं था यारो ,
पहली बार हम मिले ,
जय हो गुरु जी , अगली मुलाक़ात का इंतज़ार है.
Comment by Rash Bihari Ravi on June 3, 2010 at 4:11pm

Comment by Rash Bihari Ravi on June 3, 2010 at 4:07pm

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
11 hours ago
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
20 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
20 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
yesterday
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service