For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जो तू आये तो तुझे अपनी आँखों में क़ैद कर लूँ मैं।

तुझे अपनी ज़िंदगी में इस तरह शामिल कर लूँ मैं,
कि तू मेरे पास न भी हो तो तेरा दम भर लूँ मैं।।

हर घड़ी रहता है इन आँखों को इन्तज़ार तेरा,
जो तू आये तो तुझे अपनी आँखों में क़ैद कर लूँ मैं।

तेरे तसव्वुर में डूबी हैं तन्हाइयाँ और ज़िंदगी मेरी,
ग़र तुझे पा लूँ तो अपनी हर हसरत पूरी कर लूँ मैं।

तेरी बाँहों में आज पिघल जाने को जी चाहता है,
तेरे सीने से लगकर हमेशा को आँखें बंद कर लूँ मैं।

इस ज़िन्दगी में इक बार तो मिल जा आकर तू,
जो तुझे देख लूँ तो ख़ुशी से आख़िरी साँस भर लूँ मैं।

तमन्ना यही है कि तेरी रूह से मिल जाये मेरी रूह,
जो ऐसा हो जाये तो अपनी हर चाहत पूरी कर लूँ मैं।

मेरी ज़िंदगी में आकर तू इस तरह शामिल हो जा,
कि तेरे साथ ही जी लूँ और तेरे बिना मर भी लूँ मैं।

'सावित्री राठौर'

[मौलिक एवं अप्रकाशित]

Views: 836

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on May 12, 2014 at 8:25am

बहुत सुंदर गजल आदरणीया सावित्री जी, बधाई आपको

Comment by Savitri Rathore on May 10, 2014 at 9:47pm

आ० प्रदीप जी,आपका बहुत बहुत आभार !

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on May 9, 2014 at 9:53am

आदरणीया सावित्री जी 

सादर 

गजल के भाव बहुत सुन्दर . 

बधाई 

Comment by savitamishra on May 9, 2014 at 12:02am

bahut sundar

Comment by Savitri Rathore on May 8, 2014 at 11:16pm

आ० शिज्जू जी, आपका बहुत -बहुत आभार !

Comment by Savitri Rathore on May 8, 2014 at 11:06pm

आ० कुंती जी,सादर नमस्कार!आपका हृदय से आभार!
समयाभाव और कुछ तकनीकी खराबी के कारण इतने लम्बे समय तक ओ बी ओ से दूर रही,जिसका मुझे स्वयं खेद है।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 7, 2014 at 10:06pm

अच्छी प्रस्तुति है आदरणीया सावित्री जी बहुत बहुत मुबारक बाद आपको

Comment by coontee mukerji on May 7, 2014 at 1:33am

बहुत सुंदर प्रस्तुति सावित्री जी.....आप तो  ओ बी ओ के आकाश में ईद के चाँद की तरह झलक  दिखलाती है. सादर

Comment by Savitri Rathore on May 6, 2014 at 6:09pm

आ० श्यामनारायण जी,मुकेश जी,सुशील जी और कनेरी जी ,मेर उत्साहवर्धन हेतु आप सभी का बहुत - बहुत आभार !

Comment by Maheshwari Kaneri on May 5, 2014 at 6:37pm

आदरणीया सावित्री जी..बहुत  सुन्दर ...बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service