For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नेता जी ( चौपई छंद )

डगमग डगमग गोते खाय , नाव चुनावी है मझधार !

हाथ धरे बैठे नेताजि   ,   नौका कैसे होवे पार  !!

 

कैसे जीतें युद्ध चुनावी ,  लगा हुआ नेता दरबार !

सबके सब भिड गय जुगत मैं, रेडी खड़े सभी लठमार !!  

 

भरा दिया पर्चा नेता का, भीड़ इकट्ठी हुई अपार !

लगा दिया फोटु भारी सा, होने लगा खूब परचार !!  

 

पर्चा भर नेताजी पहुँचे , परम प्रभू भोले के द्वार  !

परिक्रमा  नेताजी करते , डोक लगाते बारमबार !!  

 

मन मैं सिमर रहे नेताजि , हे भगवन कर दो उपकार ! 

बीस किलो का घन्ट चढाऊं , पार लगा दो अबकी बार !!

 

आगे बढ़ चले नेताजी , गले पहन  फूलों का हार !

पीछे पीछे गुर्गे चलते , करते जाते जय जयकार !!

 

खोल दिय मुख संदूकों के , नोट ले गये ठेकेदार !

मुरगा दारु रोज छानते , पतझड मैं आ गई बहार !!     

 

आ गया दिन वो भी देखो , लंबी लंबी  लगी कतार !

तक धिना-धिन नेता नाचे , ठपपे की जब पडती मार !!  

  

गिनती हुई आज मतों की , जीता कौन कौन की हार ! 

नेताजि  गिर पड़े धरा पर , हो गया उनका बन्टाधार !!

 

तेवर देख जनमानस के  , नेताजी हो गय लाचार !

क्यों रुठी जनता नेता से , उसपर करलो तनिक विचार !!     

 

महंगाई भी खूब बढ़ी  , और बढाया   भ्रष्टाचार  

घुटाले करने वालो को , खुदहि खा गया भ्रष्टाचार

 

 

(मौलिक व अप्रकाशित)

 

Views: 827

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by अरुन 'अनन्त' on April 23, 2014 at 11:40am

भाई सचिन देव जी प्रयास बहुत ही अच्छा है किन्तु अधपका है छंद आपसे श्रम की मांग कर रहा है थोड़ी जल्दबाजी कर दी आपने पोस्ट करने में बहरहाल प्रयासरत रहिये सुधार हो जायेगा. इस सद्प्रयास पर मेरी ओर से बधाई स्वीकारें.

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 23, 2014 at 7:36am

गिनती हुई आज मतों की , जीता कौन कौन की हार ! 

नेताजि  गिर पड़े धरा पर , हो गया उनका बन्टाधार !!.................बेचारे नेता जी

बहुत सुंदर चौपाइयां रची आपने आदरणीय सचिन जी, हार्दिक बधाई स्वीकारें

Comment by Sachin Dev on April 22, 2014 at 12:24pm

भाई अनुराग सिंह जी आपका हार्दिक धन्यवाद ! 

Comment by Sachin Dev on April 22, 2014 at 12:23pm

आदरणीय अन्नपूर्णा जी, आपका हार्दिक धन्यवाद ! 

Comment by Sachin Dev on April 22, 2014 at 12:22pm

आदरणीय लछमन प्रसाद जी, प्रयास पर आपकी सराहना और त्रुटियों के प्रति सुझाव के लिए आपका हार्दिक आभार ! चूँकि इस छंद पर ये मेरा  पहला प्रयास था इसलिए कहीं कहीं मात्राएँ गिरी हैं जिन्हें आगे सुधारने का प्रयास रहेगा ! आपका हार्दिक आभार ! 

Comment by Sachin Dev on April 22, 2014 at 12:18pm

आदरणीय श्याम नारायण जी, आपका हार्दिक आभार ! 

Comment by Anurag Singh "rishi" on April 21, 2014 at 11:52pm

वाह बहुत उम्दा रचना

सादर

Comment by annapurna bajpai on April 21, 2014 at 8:55pm

वाह क्या खूब चौपई छंद , बहुत बधाई आपको । 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 21, 2014 at 6:47pm

सुन्दर और सामयिक भाव रचित चौपई के प्रयास के लिए हार्दिक बधाई | तथापि मात्रा गिनने के प्रयास में मात्राए कई जगह 

गिराने ने त्रुटियाँ उचित नहीं लग रही भाई सचिन देव जी | विद्वजनों की राय अपेक्षित है |

Comment by Shyam Narain Verma on April 21, 2014 at 3:53pm

सुंदर भाव लिए, उत्तम रचना के लिए बधाई ....

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"ब्रजेश जी, आप जो कह रहें हैं सब ठीक है।    पर मुद्दा "कृष्ण" या…"
yesterday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"क्या ही शानदार ग़ज़ल कही है आदरणीय शुक्ला जी... लाभ एवं हानि का था लक्ष्य उन के प्रेम मेंअस्तु…"
yesterday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"उचित है आदरणीय अजय जी ,अतिरंजित तो लग रहा है हालाँकि असंभव सा नहीं है....मेरा तात्पर्य कि…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि भाईजी, इस प्रस्तुति के मोहपाश में तो हम एक अरसे बँधे थे. हमने अपनी एक यात्रा के दौरान…"
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,//आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति पर आने में मुझे विलम्ब हुआ है. कारण कि, मेरा निवास ही बदल रहा…"
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. अजय गुप्ता जी "
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
Sunday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Sunday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service