For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दिल में फिर 
एक आस जगी है ,
चुनावी मौसम है
और प्यास बड़ी है |
नेता आयेंगे ,
नोट लायेंगे ,
हम तो हैं नालायक ;
फिर से नोट खायेंगे |
वोट करने भी जायेंगे
पर वापस आकर ,
बार बार चिल्लायेंगे
इसने तो कुछ किया नहीं |
अगली बार ,
दूसरे नेता को जिताएंगे
फिर से नोट खायेंगे |
फिर पांच साल के लिए
काल कोठरी में छिप जायेंगे |
 हम तो हैं नालायक
फिर से नोट खायेंगे !
                                    -अक्षय ठाकुर "परब्रह्म"

Views: 437

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Akshay Thakur " परब्रह्म " on February 27, 2011 at 6:33pm
Thank You Sharda Ma'am :-)
Comment by Akshay Thakur " परब्रह्म " on February 13, 2011 at 9:21pm
बहुत बहुत धन्यवाद गणेश सर |:-)

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on February 13, 2011 at 9:16pm

अक्षय जी, बेहद संतुलित रचना और वोट के ठीकेदारों के मुह पर जोरदार लात मारी है आपने, हम सुधरेंगे जग सुधरेगा के सिधांत का पालन करना होगा,

बहरहाल बेहतरीन अभिव्यक्ति पर कोटिश : धन्यवाद, दाद स्वीकार करे |

Comment by Akshay Thakur " परब्रह्म " on February 13, 2011 at 8:52pm
धन्यवाद आशीष भाई | :-)
Comment by आशीष यादव on February 13, 2011 at 8:24pm
बिलकुल सही, सटीक लिखे है भैया| हम दूसरो को दोष देते है की वो काम नहीं कर रहा है, अरे वो काम क्यों करेगा, उसने तो जितने से पहले ही हमें हमारी मजदूरी हमारा इनाम दे दिया है| हमें खुद तैयार रहना चाहिए, अच्छे लोगो को नेता चुनना चाहिए|
इस सुन्दर रचना के लिए बहुत बहुत बधाई|
Comment by Akshay Thakur " परब्रह्म " on February 13, 2011 at 4:42pm
धन्यवाद वंदना जी :-)
Comment by Akshay Thakur " परब्रह्म " on February 13, 2011 at 12:17pm
बहुत बहुत धन्यवाद अरुण सर :-)
Comment by Abhinav Arun on February 13, 2011 at 12:09pm

सही बात , बढ़िया व्यंग्य .. सच आज राजनीती कहाँ से कहाँ आ गयी है ... आपने सही फ़रमाया ..

अगली बार ,
दूसरे नेता को जिताएंगे
फिर से नोट खायेंगे |
फिर पांच साल के लिए
काल कोठरी में छिप जायेंगे |
 हम तो हैं नालायक
फिर से नोट खायेंगे !
बधाई करारी रचना के लिये

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। आयोजन में सहभागिता को प्राथमिकता देते…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरना जी इस भावपूर्ण प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। प्रदत्त विषय को सार्थक करती बहुत…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त विषय अनुरूप इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। गीत के स्थायी…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपकी भाव-विह्वल करती प्रस्तुति ने नम कर दिया. यह सच है, संततियों की अस्मिता…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आधुनिक जीवन के परिप्रेक्ष्य में माता के दायित्व और उसके ममत्व का बखान प्रस्तुत रचना में ऊभर करा…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय मिथिलेश भाई, पटल के आयोजनों में आपकी शारद सहभागिता सदा ही प्रभावी हुआ करती…"
6 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ   .... बताओ नतुम कहाँ होमाँ दीवारों मेंस्याह रातों मेंअकेली बातों मेंआंसूओं…"
9 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ की नहीं धरा कोई तुलना है  माँ तो माँ है, देवी होती है ! माँ जननी है सब कुछ देती…"
23 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय विमलेश वामनकर साहब,  आपके गीत का मुखड़ा या कहूँ, स्थायी मुझे स्पष्ट नहीं हो सका,…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय, दयावान मेठानी , गीत,  आपकी रचना नहीं हो पाई, किन्तु माँ के प्रति आपके सुन्दर भाव जरूर…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय दयाराम मैठानी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service