For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Akshay Thakur " परब्रह्म "'s Blog (4)

" चुनावी मौसम "

दिल में फिर 
एक आस जगी है ,
चुनावी मौसम है
और प्यास बड़ी है |
नेता आयेंगे ,
नोट लायेंगे ,
हम तो हैं नालायक ;
फिर से नोट खायेंगे |
वोट करने भी जायेंगे
पर वापस आकर ,
बार बार चिल्लायेंगे
इसने तो कुछ किया नहीं |
अगली बार ,
दूसरे नेता को…
Continue

Added by Akshay Thakur " परब्रह्म " on February 13, 2011 at 9:01am — 8 Comments

"हिम्मत"

कितनी बार कहा है तुमसे

रोना धोना बंद करो

हिम्मत करके तुम आगे बड़ो

अधिकारों के लिए अब खुद ही लड़ो

कभी हंसकर के जो तुमने

ये कुछ सपने संजोये थे

उन्हें साकार करने के लिए

तुम डटकर आज आगे बड़ो

हिम्मत ऐसी हो दिल में

कि हिम्मत खुद ही डर जाए

क्या हिम्मत दूसरों में फिर

जो तुझको रोकने आयें !



-अक्षय ठाकुर… Continue

Added by Akshay Thakur " परब्रह्म " on November 25, 2010 at 11:29pm — 1 Comment

"रात अभी भी बाकी है ...!"

ये रात अभी भी बाकी है ,

कुछ काम अभी भी बाकी हैं |

ये बात बहुत है छोटी सी ,

और दुनिया बदलना बाकी है |

पर दुनिया कि क्या बात करें , अभी

खुद को ही बदलना बाकी है ;

हम खड़े तो थे इस पार मगर ,

मीलों तक चलना बाकी है ;

ये रस्ता बहुत है संकरा सा , मगर

दुनिया को दिखाना बाकी है

पर दुनिया कि क्या बात करें ,

खुद भी तो चलना बाकी है |

ये रात अभी भी बाकी है ,

दिन को भी निकलना बाकी है

सूरज का चमकना बाकी है , और

किरणों का बिखरना बाकी है… Continue

Added by Akshay Thakur " परब्रह्म " on November 20, 2010 at 4:08pm — 2 Comments

" माँ की ममता "

अरे ओ नौजवानों ,

अब उठो और

खुद से ये पूछो |

दिया जिसने तुम्हे है सब कुछ

उसी के दिल -

-से आज तुम पूछो

कभी हमसे भी पूछो ,

और लोगों से भी पूछो |

किया तुमने है क्या

उस माँ की खातिर

जिसने तुम्हे ममता परोसी है |

आँचल से लिपटकर जिसके

दुनिया ये सोती है |

जिसका जीवन बना आदर्श

आज फिर , ममता वो रोई है |

जिसने सभी के चेहरों पर

मुस्कान है लायी ,

वो ममता आज फिर

खुद हंस-हंस के रोई है |

जिसने खुद जगकर

हमको… Continue

Added by Akshay Thakur " परब्रह्म " on November 17, 2010 at 11:18am — 7 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय शिज्जु "शकूर" साहिब आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से…"
35 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय निलेश शेवगाँवकर जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद, इस्लाह और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से…"
38 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी आदाब,  ग़ज़ल पर आपकी आमद बाइस-ए-शरफ़ है और आपकी तारीफें वो ए'ज़ाज़…"
48 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज भाईजी के प्रधान-सम्पादकत्व में अपेक्षानुरूप विवेकशील दृढ़ता के साथ उक्त जुगुप्साकारी…"
2 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"   आदरणीय सुशील सरना जी सादर, लक्ष्य विषय लेकर सुन्दर दोहावली रची है आपने. हार्दिक बधाई…"
2 hours ago

प्रधान संपादक
योगराज प्रभाकर replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"गत दो दिनों से तरही मुशायरे में उत्पन्न हुई दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की जानकारी मुझे प्राप्त हो रही…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"मोहतरम समर कबीर साहब आदाब,चूंकि आपने नाम लेकर कहा इसलिए कमेंट कर रहा हूँ।आपका हमेशा से मैं एहतराम…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"सौरभ पाण्डेय, इस गरिमामय मंच का प्रतिरूप / प्रतिनिधि किसी स्वप्न में भी नहीं हो सकता, आदरणीय नीलेश…"
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय समर सर,वैसे तो आपने उत्तर आ. सौरब सर की पोस्ट पर दिया है जिस पर मुझ जैसे किसी भी व्यक्ति को…"
4 hours ago
Samar kabeer replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"प्रिय मंच को आदाब, Euphonic अमित जी पिछले तीन साल से मुझसे जुड़े हुए हैं और ग़ज़ल सीख रहे हैं इस बीच…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, किसी को किसी के प्रति कोई दुराग्रह नहीं है. दुराग्रह छोड़िए, दुराव तक नहीं…"
11 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"अपने आपको विकट परिस्थितियों में ढाल कर आत्म मंथन के लिए सुप्रेरित करती इस गजल के लिए जितनी बार दाद…"
12 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service