For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के कुछ सदस्यो का मिलन पटना के पवित्र महावीर मंदिर के प्रांगण मे,

आज दिनांक 02/06/2010 को ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के कुछ सदस्यो का मिलन पटना के पवित्र महावीर मंदिर के प्रांगण मे हुआ, जिसका चित्र यहाँ देखा जा सकता है |

पटना के पवित्र महावीर मंदिर

रवि कुमार "गुरु" और सतीश मापतपुरी जी

गनेश जी "बागी", रवि कुमार "गुरु" और सतीश मापतपुरी जी

रवि कुमार "गुरु", सतीश मापतपुरी और ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से प्रभावित अन्य बंधु

रवि कुमार "गुरु",गनेश जी "बागी", सतीश मापतपुरी और ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से प्रभावित अन्य बंधु

रवि कुमार "गुरु",गनेश जी "बागी", सतीश मापतपुरी और ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से प्रभावित अन्य बंधु

रवि कुमार "गुरु"

सतीश मापतपुरी

गनेश जी "बागी"

Views: 1046

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Rash Bihari Ravi on June 3, 2010 at 2:29pm
नेट पर मिले फोन पर कितने बार बात हुई ,
दिन था बुधबार जगह पटना महाबीर स्थान ,
पावन बेला पावन पल अपनों की साथ हुई ,
धन्य हुए गुरु की सतीश भाई गणेश जी से ,
हनुमान जी के चरण कमलो में मुलाकात हुई ,
धन्य भोजपुरिया सेवक की मधुर मुस्कान ,
ये थी ओपन बुक्स ऑनलाइन की हसरत ,
की हम तीनो की इतनी सुन्दर मुलाकात हुई ,
चाहत हैं दिल में मेरे हर कोई मिले दिल खिले ,
ओपन बुक्स ऑनलाइन का दीप हर दिल में जले ,
Comment by Admin on June 3, 2010 at 1:40pm
बहुत ही बढ़िया शुरुवात , नेट की दुनिया से निकलकर वास्तविक धरती पर एक मिलन,
Comment by ABHISHEK TIWARI on June 3, 2010 at 1:18pm
महाराज इहावा ता रौवा सभे एकदमे कमाल कर देले बानी जा , बहुत सुंदर अद्भुत नज़ारा होई , चलीं हंहू कभी आइब पटना मे , ता एकदिन और ई जलसा होई , अब चैटिंग से मुलाकात तक बात पहुँच गैल , एह से बढ़िया अब का चाहीँ
Comment by Kanchan Pandey on June 3, 2010 at 12:47pm
Badhiya Paryas hai, ab Net sey miley log real mey meel rahey hai, thanks to Open Books Online,
Comment by दुष्यंत सेवक on June 3, 2010 at 12:41pm
badhiya hai......
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on June 2, 2010 at 11:41pm
jai ho obo......aakhir meet bhi bhail aur wo bhi hanuman mandir jaise pavitra jagah par ......

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। आपने सही कहा…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"जी, शुक्रिया। यह तो स्पष्ट है ही। "
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"सराहना और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी"
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लघुकथा पर आपकी उपस्थित और गहराई से  समीक्षा के लिए हार्दिक आभार आदरणीय मिथिलेश जी"
Tuesday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आपका हार्दिक आभार आदरणीया प्रतिभा जी। "
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लेकिन उस खामोशी से उसकी पुरानी पहचान थी। एक व्याकुल ख़ामोशी सीढ़ियों से उतर गई।// आहत होने के आदी…"
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"प्रदत्त विषय को सार्थक और सटीक ढंग से शाब्दिक करती लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय…"
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदाब। प्रदत्त विषय पर सटीक, गागर में सागर और एक लम्बे कालखंड को बख़ूबी समेटती…"
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मिथिलेश वामनकर साहिब रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर प्रतिक्रिया और…"
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"तहेदिल बहुत-बहुत शुक्रिया जनाब मनन कुमार सिंह साहिब स्नेहिल समीक्षात्मक टिप्पणी और हौसला अफ़ज़ाई…"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी प्रदत्त विषय पर बहुत सार्थक और मार्मिक लघुकथा लिखी है आपने। इसमें एक स्त्री के…"
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"पहचान ______ 'नवेली की मेंहदी की ख़ुशबू सारे घर में फैली है।मेहमानों से भरे घर में पति चोर…"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service