For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

होली की विरह कविता (ओमप्रकाश क्षत्रिय ''प्रकाश'')

मन तरसे

------------------------
तन तरसे मन तरसे .
होली का रंग बरसे .

मै हो गई प्रेम दीवानी
मुझे देख मधुकर हरषे .


फूल गई सब कालिया
मै सुखी निकली घर से .

कोयल कूके पपीहा गाए
भटकी मै बावरी घर से .

लगी हुई विरह वेदना
इलाज नहीं होता हर से .

मेरे प्रियत्तम आ जाओ

मिटे वेदना उस पल से .
=============

मौलिक व अप्रकाशित"
ओमप्रकाश क्षत्रिय ''प्रकाश''

Views: 1242

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Omprakash Kshatriya on March 11, 2014 at 8:23pm

मीना पाठक जी आप की प्रतिक्रिया के लिए  आभार 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on March 11, 2014 at 9:54am

आदरणीय ओमप्रकाशजी इस कविता के लिये बधाई स्वीकार करें

Comment by Meena Pathak on March 10, 2014 at 10:20pm
Sundar rachna .. Badhai
Comment by सूबे सिंह सुजान on March 10, 2014 at 9:48pm

 Omprakash Kshatriya... आपने मन के भावों को अच्छी तरह से प्रकट किया है।

बहुत बधाई

Comment by मनोज कुमार सिंह 'मयंक' on March 10, 2014 at 9:14pm

किन्तु मेरे विचार से मधुकर कृष्ण का नाम नहीं है..उद्धव का नाम अवश्य भ्रमर है..कृष्ण को तो मधुसूदन कहते हैं..किसी प्रकार का विम्ब भी नहीं लग रहा..खैर..यदि यह कृष्ण है तो अच्छा है..एक बार पुनः बधाई हो..

Comment by Omprakash Kshatriya on March 10, 2014 at 9:04pm

भाई मनोज सिंह जी ' मयंक ' आप की प्रतिक्रिया के लिए आभारी हूँ .

Comment by Omprakash Kshatriya on March 10, 2014 at 9:01pm

मै हो गई प्रेम दीवानी 
मुझे देख मधुकर हरषे ..............कृष्ण भगवान गोपियों के विरह पर मंद मंद मुस्करा का हसते है . यह उसी संदर्भ में है 

Comment by मनोज कुमार सिंह 'मयंक' on March 10, 2014 at 8:55pm

अच्छा है भाई..थोडा और अच्छा किया जा सकता था..और मुझे देख मधुकर हरषे वाली बात समझ में नहीं आ पायी..बधाई हो

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service