For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

[वसंतपंचमी के पावन अवसर पर माँ सरस्वती के श्रीचरणों में श्रद्धा स्वरुप ये कविता-सुमन]

हे माँ सरस्वती!
तुमसे है मेरी विनती।
सदा करूँ तुम्हारी भक्ति,
यही वर दो भगवती।
हे माँ सरस्वती!
मेरे मनमंदिर में सदा
रहो, इसी तरह से माँ।
मुझे कभी छोड़ न देना,
किसी तरह से, हे माँ !
यही आशीष दो भगवती।
हे माँ सरस्वती !
सदा रखना मेरे मस्तक पर,
अपना हाथ,हे आदिशक्ति।
लीन रहूँ तुम्हारी साधना में,
करती रहूँ तुम्हारी भक्ति।
मुझे यही वर दो भगवती।
हे माँ सरस्वती !
अज्ञान का अन्धकार,
अब तो मिटा दो माता।
देकर ज्ञान संसार को,
प्रकाश फैला दो माता।
यही वर दो भगवती।
हे माँ सरस्वती !
ज्ञानमय हो संसार सारा,
सुन लो माँ मेरी प्रार्थना।
देकर तुम शुभाशीष,पूर्ण
कर दो ये मेरी कामना।
यही वर दो भगवती।
हे माँ सरस्वती !
'सावित्री राठौर'
[मौलिक एवं अप्रकाशित]

Views: 666

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on May 9, 2014 at 10:01am

ज्ञानमय हो संसार सारा,
सुन लो माँ मेरी प्रार्थना। 

 सादर  ऐसा हो जाए , 

संसार प्यारा हो जाए 

बधाई आपको 

Comment by Savitri Rathore on February 5, 2014 at 11:03pm

माँ सरस्वती की कृपा-दृष्टि ऐसे ही मुझ पर बनी रहे,बस यही कामना है। आपके इन प्यारे शब्दों हेतु आपका आभार मोहिनी जी !

Comment by Savitri Rathore on February 5, 2014 at 11:00pm

बहुत -बहुत आभार प्राची जी!

Comment by Savitri Rathore on February 5, 2014 at 10:59pm

धन्यवाद जितेन्द्र जी !

Comment by mohinichordia on February 5, 2014 at 7:58pm

  माँ सरस्वती के  प्रति आपकी भक्ति, आपका समर्पण अपना रंग दिखा रहा है | बड़ी ही सुन्दर रचना.   मेरी शुभकामनाएं आपको आ.  सावित्री जी .


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on February 5, 2014 at 5:04pm

माँ शारदा को समर्पित इस भाव वंदन के लिए शुभकामनाएं आ० सावित्री राठौर जी 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on February 4, 2014 at 11:34pm

बसंत के पावन पर्व पर बहुत सुंदर प्रार्थना, बधाई आदरणीया सावित्री जी

Comment by Savitri Rathore on February 4, 2014 at 10:31pm

लक्ष्मणप्रसाद जी नमस्कार,इस सराहना हेतु आपका आभार !

Comment by Savitri Rathore on February 4, 2014 at 10:28pm

गिरिराज जी आपका बहुत - बहुत धन्यवाद !

Comment by Savitri Rathore on February 4, 2014 at 10:27pm

बहुत - बहुत आभार सरिता जी!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"अरे, ये तो कमाल  हो गया.. "
16 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय नीलेश भाई, पहले तो ये बताइए, ओबीओ पर टिप्पणी करने में आपने इमोजी कैसे इंफ्यूज की ? हम कई बार…"
17 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आपके फैन इंतज़ार में बूढे हो गए हुज़ूर  😜"
43 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय लक्ष्मण भाई बहुत  आभार आपका "
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है । आये सुझावों से इसमें और निखार आ गया है। हार्दिक…"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन और अच्छे सुझाव के लिए आभार। पाँचवें…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय सौरभ भाई  उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार , जी आदरणीय सुझावा मुझे स्वीकार है , कुछ…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल पर आपकी उपस्थति और उत्साहवर्धक  प्रतिक्रया  के लिए आपका हार्दिक…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति का रदीफ जिस उच्च मस्तिष्क की सोच की परिणति है. यह वेदान्त की…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, यह तो स्पष्ट है, आप दोहों को लेकर सहज हो चले हैं. अलबत्ता, आपको अब दोहों की…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज सर, ओबीओ परिवार हमेशा से सीखने सिखाने की परम्परा को लेकर चला है। मर्यादित आचरण इस…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"मौजूदा जीवन के यथार्थ को कुण्डलिया छ्ंद में बाँधने के लिए बधाई, आदरणीय सुशील सरना जी. "
6 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service