For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नया वर्ष - नई सुबह (गीत) अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव

नई सुबह के स्वागत् में, हम वंदनवार लगायें।                                                    

रंग बिरंगे  फूलों से, घर आंगन  द्वार सजायें॥

 

नये वर्ष के  अभिनंदन में,  गीत नया हम गायें।

मंगल की सब करें कामना, मिलकर जश्न मनायें॥

 

फूल खिले हैं, बगिया महकी , हैं भँवरे मंडराये।

भ्रमर सरीखे हम भी झूमे , गुंजन करते जायें ॥

 

कुहू -कुहू जब कोयल कूके, चहुँदिश मस्ती छाये।

हम भी ऐसी  बोली  बोलें , मन सबका  हर्षायें॥

 

छूने को आकाश ये पंछी , बड़ी दूर  तक जायें।

अपनी बांहें फैलाकर हम, मन उड़ने का बनायें॥   

 

चिड़ियों का कलरव प्यारा है, एक ही सुर में गायें।

पास चलें, चुपचाप चलें,  स्वर हम समवेत मिलायें॥

 

पंछी जीना सिखलाते, हम, मन में उमंग जगायें।

छोटी सी जिंदगानी है, मिल-जुलकर मधुर बनायें॥

 

नया  सूर्य है , वर्ष नया है,  बहती  ठंडी हवायें।

शुभ प्रभात की बेला में हम, सपने नये  सजायें॥

 

धुंध, साथ में  धूप खिली है,  खुशबू भरी  फिज़ायें।

द्वार, खिड़कियाँ सभी खोल दो, घर तक ये आ जायें॥

*************

सपरिवार सभी सदस्यों, पाठको  के लिए यह नव वर्ष मंगलमय हो॥

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव

विवेकानंद नगर, धमतरी ( छत्तीसगढ़ )      

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 969

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on January 2, 2014 at 11:14am

आदरणीया महिमा श्री , नया वर्ष आपके व पूरे परिवार के लिए मंगलदायी  हो॥ रचना की प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद और आभार॥ .......   राधे- राधे ।

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on January 2, 2014 at 11:12am

आदरणीय नीरज  भाई , नया वर्ष आपके व पूरे परिवार के लिए मंगलदायी  हो॥ रचना की प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद और आभार॥ .......  सप्रेम राधे- राधे ।

वही सुबह है , और  वही सूर्य, पर कहने सुनने में अच्छा लगता है ... नया सूर्य , नव प्रभात, नया वर्ष आदि आदि। हमारी मान्यता के अनुसार भी हर दिन एक् नया दिन और हर पल एक  नया पल होता है ॥  हम और आप भी  तो मजबूर हैं रोज नई  तारीख बदलने के लिए, साल भर 1/1 से 31/12 तक लिखने के लिए॥.... सादर   

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on January 2, 2014 at 10:50am

आदरणीय शिज्जु   भाई , नया वर्ष आपके व पूरे परिवार के लिए मंगलदायी  हो॥ रचना की प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद और आभार॥ 

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on January 2, 2014 at 10:48am

आदरणीय लक्ष्मण  भाई , नया वर्ष आपके व पूरे परिवार के लिए मंगलदायी  हो॥ रचना की प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद और आभार॥ .......  सप्रेम राधे- राधे ।

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on January 2, 2014 at 10:45am

आदरणीय विन्ध्येश्वरी  भाई , नया वर्ष आपके व पूरे परिवार के लिए मंगलमय  हो॥ रचना की प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद और आभार॥ 

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on January 2, 2014 at 10:42am

प्रिय छोटे  भाई , नया वर्ष पूरे  परिवार के लिए मंगलमय  हो॥ रचना की प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद ॥ 

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on January 2, 2014 at 10:39am

आदरणीय सुशील भाई , नया वर्ष आपके व परिवार के लिए मंगलमय  हो॥ रचना की प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद ॥ 

Comment by vijay nikore on January 2, 2014 at 8:49am

अच्छे भाव पिरोय हैं, बधाई।

 

सादर,

विजय निकोर

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 2, 2014 at 7:49am

आदरणीय अखिलेश भाई. नववर्ष कि शुभकामनायें और

धुंध, साथ में  धूप खिली है,  खुशबू भरी  फिज़ायें।

द्वार, खिड़कियाँ सभी खोल दो, घर तक ये आ जायें

  के लिये खास बधाइयाँ

Comment by coontee mukerji on January 2, 2014 at 1:14am

नया  सूर्य है , वर्ष नया है,  बहती  ठंडी हवायें।

शुभ प्रभात की बेला में हम, सपने नये  सजायें॥

 

धुंध, साथ में  धूप खिली है,  खुशबू भरी  फिज़ायें।

द्वार, खिड़कियाँ सभी खोल दो, घर तक ये आ जायें॥.......अति सुंदर.सदर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"ऐसे😁😁"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"अरे, ये तो कमाल  हो गया.. "
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय नीलेश भाई, पहले तो ये बताइए, ओबीओ पर टिप्पणी करने में आपने इमोजी कैसे इंफ्यूज की ? हम कई बार…"
4 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आपके फैन इंतज़ार में बूढे हो गए हुज़ूर  😜"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय लक्ष्मण भाई बहुत  आभार आपका "
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है । आये सुझावों से इसमें और निखार आ गया है। हार्दिक…"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन और अच्छे सुझाव के लिए आभार। पाँचवें…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय सौरभ भाई  उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार , जी आदरणीय सुझावा मुझे स्वीकार है , कुछ…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल पर आपकी उपस्थति और उत्साहवर्धक  प्रतिक्रया  के लिए आपका हार्दिक…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति का रदीफ जिस उच्च मस्तिष्क की सोच की परिणति है. यह वेदान्त की…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, यह तो स्पष्ट है, आप दोहों को लेकर सहज हो चले हैं. अलबत्ता, आपको अब दोहों की…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज सर, ओबीओ परिवार हमेशा से सीखने सिखाने की परम्परा को लेकर चला है। मर्यादित आचरण इस…"
10 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service