For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कुण्डलियां-1


कुत्ता प्यारा जीव है, वफादार बलवान।
घर की  नित रक्षा करे, रख पौरूष अभिमान।।
रख पौरूष अभिमान, गली का शेर कहाए।
चोर और अंजान, भाग कर जान बचाए।।
द्वार रहे गर श्वान, शान ज्यों माणिक मुक्ता।
पर मानव मक्कार, अहम वश कहता कुत्ता।।


के0पी0सत्यम-मौलिक व अप्रकाशित

Views: 731

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on December 21, 2013 at 7:36pm

आ0 अन्नपूर्णा जी, आपके जीवों के लिए अपार स्नेह और प्रेम से परिपूर्ण प्रसंशनीय उदगार हेतु आपका हार्दिक आभार। सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on December 21, 2013 at 7:31pm

आ0 गोपाल भाई जी, आपके जीवों के लिए अपार स्नेह और प्रेम से परिपूर्ण प्रसंशनीय उदगार हेतु आपका हार्दिक आभार। सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on December 21, 2013 at 7:29pm

आ0 कुन्ती जी, आपके जीवों के प्रति अपार स्नेह और दया से परिपूर्ण प्रसंशनीय उदगार हेतु आपका हार्दिक आभार। ----जी! जयकिशन उर्फ जैकी की ओर से आपको वालेकुमअस्सलाम....।   सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on December 21, 2013 at 7:15pm

आ0 मीना जी, आपके स्नेह एवं प्रसशनीय उदगार हेतु आपका हार्दिक आभार। सादर,

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on December 20, 2013 at 10:39pm

बधाई केवल भाई, सुंदर कुण्डलिया  की।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on December 20, 2013 at 8:26pm

मजेदार कुण्डलिया ..बधाई आपको मुझ जैसे डॉग लवर को तो और ज्यादा पसंद आएगी 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 20, 2013 at 8:25pm

आदरनीय केवल भाई , सुन्दर कुंडलिया रची है । आपको बधाई ॥

Comment by savitamishra on December 20, 2013 at 7:19pm

बहुत सुंदर

Comment by Shyam Narain Verma on December 20, 2013 at 3:39pm
बहुत सुन्दर...बधाई स्वीकार करें ………………
Comment by annapurna bajpai on December 20, 2013 at 2:42pm

सुंदर कुण्डलिया हेतु बहुत बधाई आपको आ0 केवल भाई जी । 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted blog posts
6 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 167 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है ।इस बार का…See More
20 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Apr 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service