For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कारोबार-ए-जिंदगी के कारवां चलते रहे

निकले धूप और कभी बादल हैं पिघलते रहें

मौसमों की फितरतों में है की बदलते रहे

 

कभी पके कभी फुटे लौंदे गए रौंदे गए

मस्त होके जिंदगी के सांचे में ढलते रहे

 

शिकवा नहीं जीवन के है उतार और चढाव से

तकदीर के जानों पे हम ख़ुशी ख़ुशी पलते रहे

 

मुश्किलों तो आएँगी हज़ारों राह में मगर  

कारोबार-ए-जिंदगी के कारवां चलते रहे

 

आयें लाखों तूफां पर उम्मीदें बुझ सकें नहीं

हौसलों के साए में चराग ये जलते रहे

 

 चलकर खिलाफ लहरों के हम पहुंचे हैं किनारों पर  

लोगो की निगाह में यूँ ही नहीं खलते रहे

 

 

शरद

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 555

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by शरद कुमार on October 25, 2013 at 10:46pm

श्री गिरिराज भंडारी जी .......और आशुतोष मिश्र जी ........बहुत बहुत आभार की आपके मार्गदर्शन और उत्साहवर्धन का........आपके अमूल्य सुझावों को अवश्य ही अमल में लाया जायेगा......धन्यवाद 

Comment by शरद कुमार on October 25, 2013 at 10:42pm

श्री वीनस जी.......रचना पर प्रतिक्रिया देने के लिए आभार .........यह आपका ही मार्गदर्शन है की मैं इस मंच पर मौजूद हूँ........आप लोगों के सानिध्य में यथा-संभव सीखने का प्रयास जारी है.........

Comment by शरद कुमार on October 25, 2013 at 10:40pm

माननीय विजय मिश्र जी ,राम शिरोमणि पाठक जी एवं   ब्रिजेश नीरज जी.......आप सभी के द्वारा मिले उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद 

Comment by बृजेश नीरज on October 24, 2013 at 10:09pm

इस प्रयास पर आपको हार्दिक बधाई!

Comment by Dr Ashutosh Mishra on October 24, 2013 at 3:53pm

आपके प्रयास पर हार्दिक बढ़ाई ...आदरणीय वीनस जी का मशविरा अमल में लायें ..आपको सुखद परिणाम मिलेंगे ..सादर 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 24, 2013 at 7:53am

आदरणीय शरद भाई , गज़ल के गम्भीर प्रयास के लिये आपको बहुत बहुत बधाई !!!! वीनस भाई के कहे अनुसार आप गज़ल की बातें और गज़ल की कक्षा  का बहुत अच्छे से अध्ययन करना शुरू कर दीजिये !!!

Comment by वीनस केसरी on October 24, 2013 at 1:52am

आप सही मंच पर मौजूद हैं ... मंच पर प्रस्तुत सामग्री का अध्ययन करें ...

सादर

Comment by ram shiromani pathak on October 23, 2013 at 8:17pm

सुंदर प्रयास हार्दिक बधाई आपको //सादर

Comment by विजय मिश्र on October 23, 2013 at 5:50pm
शरदजी , बधाई स्वीकारें ,सुंदर प्रयास .
Comment by शरद कुमार on October 23, 2013 at 1:05pm
माननीय अरुण शर्मा जी ,
प्रोत्साहा हेतु बहुत बहुत धन्यवाद।
शिल्प मे अवश्य ही कुछ कमियाँ रह गईं हैं। और ओबीओ परिवार से जुडने का मकसद ही ग़ज़ल के शिल्प के बारे मे समझना, और उनके नियमों और विधानों के अनुसार अपनी ग़ज़लों को तराशना है। आप जैसे मार्गदर्शकों का सहयोग और सुझाव प्राप्त होता रहेगा, ऐसी उम्मीद है। आपके द्वारा बताए गए संशोधनों पर कार्य कर रहा हूँ। अनुरोध है की कृपया रदीफ़, काफिये और बहर के मानकों पर भी ग़ज़ल का आकलन करें और आवश्यक सुधार के लिए सुझाव दें।

पुनः धन्यवाद

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"ऐसे😁😁"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"अरे, ये तो कमाल  हो गया.. "
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय नीलेश भाई, पहले तो ये बताइए, ओबीओ पर टिप्पणी करने में आपने इमोजी कैसे इंफ्यूज की ? हम कई बार…"
4 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आपके फैन इंतज़ार में बूढे हो गए हुज़ूर  😜"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय लक्ष्मण भाई बहुत  आभार आपका "
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है । आये सुझावों से इसमें और निखार आ गया है। हार्दिक…"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन और अच्छे सुझाव के लिए आभार। पाँचवें…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय सौरभ भाई  उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार , जी आदरणीय सुझावा मुझे स्वीकार है , कुछ…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल पर आपकी उपस्थति और उत्साहवर्धक  प्रतिक्रया  के लिए आपका हार्दिक…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति का रदीफ जिस उच्च मस्तिष्क की सोच की परिणति है. यह वेदान्त की…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, यह तो स्पष्ट है, आप दोहों को लेकर सहज हो चले हैं. अलबत्ता, आपको अब दोहों की…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज सर, ओबीओ परिवार हमेशा से सीखने सिखाने की परम्परा को लेकर चला है। मर्यादित आचरण इस…"
10 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service