For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कुण्डलियाँ [ माँ ]

मैया दस्तक दे रही ,खोलो मन के द्वार
मात कृपा से हो सदा ,हर सपना साकार //
हर सपना साकार ,जा कर द्वार पर कर लो
देती माँ आशीष , झोलियाँ खाली भर लो
सरिता करे पुकार ,तार माँ सबकी नैया
दे दर्शन चढ़ शेर ,सदा जगदम्बे मैया//

तेरे दर पर हूँ खड़ी,नतमस्तक कर जोड़
सर पर रखना हाथ माँ, दुख जाएँ दर छोड़
दुख जाएँ दर छोड़ ,हो साकार हर सपना
रहे न पारावार दो आशीष माँ अपना
भेंट करो स्वीकार, कब से लगाती फेरे
दर्शन देदो मात ,दर पर खड़ी मैं तेरे //

...............................................

          मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 761

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sarita Bhatia on October 8, 2013 at 6:26pm

शुक्रिया अरुण मार्गदर्शन करते रहें 

Comment by annapurna bajpai on October 8, 2013 at 6:23pm

अ0 सरिता जी बढ़िया कुण्डलिया की रचना हुई है , बहुत बधाई आपको । 

Comment by विजय मिश्र on October 8, 2013 at 5:56pm
सिंह पर एक कमल राजीत ताहि ऊपर भगवती , सबका कल्याण करो माते . बहुत सुंदर वन्दना . साधुवाद सरिता दीदी .

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 8, 2013 at 5:52pm

आदरणीया सरिता जी बहुत सुन्दर कुन्डलिया रची है आपने !!!!! बधाई !!!!!!

Comment by कवि - राज बुन्दॆली on October 8, 2013 at 5:40pm

वाह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह शानदार कुण्डलिया छन्द क्या बात है,,,,,,,,,,,बधाई आपको

Comment by अरुन 'अनन्त' on October 8, 2013 at 4:38pm

आदरणीया सरिता जी माँ को समर्पित सुन्दर भाव भरे कुण्डलिया छंद रचे हैं आपने, प्रयास बहुत ही अच्छा है और अधिक अच्छा हो सकता था. खैर इस प्रयास पर ढेरों बधाई स्वीकारें जय माता दी.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Wednesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Tuesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Tuesday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
Jul 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, बहुत सुन्दर ग़ज़ल है आपकी। इतनी सुंदर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
Jul 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा है। कुछ शेर अच्छे लगे। बधई स्वीकार करें।"
Jul 27
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"सहृदय शुक्रिया ज़र्रा नवाज़ी का आदरणीय धामी सर"
Jul 27

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service