For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

१.

टेढ़ी मचिया

टिमटिमाता दिया

टूटी खटिया.

 

२.

वर्षा की बूँदें

रिसती हुई छत

गीली है फर्श.

 

३.

छीजती आस

बिखरते सपने

टूटा साहस.

 

४.

छोटी सी जेब

बढती महंगाई

भूखा है पेट.

 

५.

बूढ़ा छप्पर

दरकती दीवार

खंडित द्वार.

 

६.

ठंडा है चूल्हा

अस्त होता सूरज

छाया कोहरा. 

     - बृजेश नीरज

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 705

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बृजेश नीरज on October 7, 2013 at 6:56pm

आदरणीया गीतिका जी आपका हार्दिक आभार! मेरे प्रयास को आपका आशीष मिला, ये मेरे लिए सौभाग्य की बात है!

Comment by वेदिका on October 7, 2013 at 1:32am

बढ़िया हाइकु रचे आपने आदरणीय बृजेश जी!

Comment by बृजेश नीरज on October 4, 2013 at 9:59am

 आदरणीय संजय 'हबीब' जी आपका हार्दिक आभार!

Comment by Sanjay Mishra 'Habib' on October 4, 2013 at 9:49am

बहुत सुंदर हाईकु रचनाएँ आदरणीय ब्रजेश भाई जी....

सादर बधाई स्वीकारें....

Comment by बृजेश नीरज on October 4, 2013 at 8:25am

आदरणीय सुशील जी आपका हार्दिक आभार!

Comment by Sushil.Joshi on October 4, 2013 at 6:34am

सुंदर हाइकु.... हार्दिक बधाई हो बृजेश जी....

Comment by बृजेश नीरज on October 3, 2013 at 11:04pm

आदरणीय सौरभ जी आपका हार्दिक आभार!

Comment by बृजेश नीरज on October 3, 2013 at 11:04pm

 आदरणीया प्राची जी आपका हार्दिक आभार!


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 3, 2013 at 10:21pm

अति उत्तम प्रयास हुआ है. हार्दिक बधाई, बृजेश भाईजी.

वाह !


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on October 3, 2013 at 10:16pm

आम आदमी की ज़िंदगी के कई पहलुओं पर सुन्दर हायकू रचे हैं आ० बृजेश जी..

हार्दिक बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
13 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
13 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
16 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
16 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
16 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
16 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
16 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service