For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

वो आवाज

जो पल भर पहले था कितना खुशहाल

अचानक हुई एक धमाके की आवाज

उस धमाके की आवाज से बंद हुई पलकें

जब खुली तब तक,

खत्म हो चुका था सब कुछ

रह गए थे टूटे हुए बर्तन,

बिखरी हुई चूड़ियाँ, छितराई हुई लाशें,

फैला हुआ खून, ढ़ूढ़ती हुई आँखें,

एक अकेले रोते हुए बच्चे की आवाज

 

 

 

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 495

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बृजेश नीरज on June 21, 2013 at 9:28am

बहुत सुन्दर प्रयास है आपका!
एक निवेदन करना चाहूंगा कि आवाज स्त्रीलिंग शब्द है उसके साथ पुल्लिंग क्रिया का प्रयोग अखर रहा है। इस बिन्दु पर आपसे मार्गदर्शन की अपेक्षा है।
इस प्रयास पर मेरी बधाई स्वीकारें!

Comment by D P Mathur on June 21, 2013 at 7:57am

अच्छी रचना !!!

Comment by Sumit Naithani on June 20, 2013 at 8:52pm

बहुत सुन्दर..

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on June 20, 2013 at 7:08pm

आ0 प्रज्ञा जी,    अतिसुन्दर...हां, आवाज में विस्फोट है, क्रन्दन है, दर्द है और सबसे बड़ी बात संवेदना सहित प्यार भी झलकता है।  हार्दिक  बधाई स्वीकारें।  सादर,

Comment by Meena Pathak on June 20, 2013 at 5:35pm

बहुत दर्दनाक वर्णन....  :(

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on June 20, 2013 at 4:47pm
आदरणीया...'दिल दहला देने वाली रचना.....' बिखरी हुई चूड़ियाँ, छितराई हुई लाशें, फैला हुआ खून, ढूंढ़ती हुई लाशें '....
Comment by coontee mukerji on June 20, 2013 at 2:24pm

कितना दर्दनाक क्षण का जीवंत वर्णन .

Comment by ram shiromani pathak on June 20, 2013 at 11:22am

मर्मिक चित्रण किया है अपने //हार्दिक बधाई 

Comment by Shyam Narain Verma on June 20, 2013 at 10:25am
बहुत सुन्दर...बधाई स्वीकार करें ………………

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service