For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तुम्हारे नाम की ऐसी हंसी एक शाम कर देंगें .
रहोगे बेखबर कैसे तुम्हें बदनाम कर देंगें .
मोहब्बत में दिलों को हारने वाले बहुत होंगे .
मगर दिल चीज़ क्या हम ज़िन्दगी तेरे नाम कर देंगें .
तेरा दावा है तेरा संग दिल हरगिज़ ना पिघलेगा .
हमारी जिद्द है की एक दिन तुम्हें गुलफाम कर देंगे .
सुना है प्यार से मेरा नाम लेतो हो अकेले में .
यकीं होता नहीं की आप भी ये काम कर देंगें .
वफ़ा मापतपुरी मिलती है अब ग़ज़लों में शेरों में .
मगर हम बेवफा कैसे तुम्हें ऐलान कर देंगें .
गीतकार -सतीश मापतपुरी
मोबाइल -9334414611

Views: 396

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Babita Gupta on May 19, 2010 at 12:26pm
Bahut badhiya aur sunder rachna, sadar aabhar,
Comment by aleem azmi on May 16, 2010 at 4:39pm
waah satish saheb bahut umda ghzal aapki ....ati uttam
Comment by asha pandey ojha on May 16, 2010 at 2:16pm
मोहब्बत में दिलों को हारने वाले बहुत होंगे .
मगर दिल चीज़ क्या हम ज़िन्दगी तेरे नाम कर देंगें .
तेरा दावा है तेरा संग दिल हरगिज़ ना पिघलेगा .
हमारी जिद्द है की एक दिन तुम्हें गुलफाम कर देंगे Shatish ji bahut khoob ..njakat < nfasat < muhobbat < W ibatak ka khoobsurat sangam lga aap kee gzal me ..kamal..!

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 15, 2010 at 8:48am
वफ़ा मापतपुरी मिलती है अब ग़ज़लों में शेरों में .
मगर हम बेवफा कैसे तुम्हें ऐलान कर देंगें

सतीश भाई बहुत खूब, बहुत बढ़िया ग़ज़ल लिखे है, आप आल राउंडर है भाई, गीत ग़ज़ल कविता सबमे माहिर है, बढ़िया पर्यास है ,धन्यवाद
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on May 14, 2010 at 8:58pm
मोहब्बत में दिलों को हारने वाले बहुत होंगे .
मगर दिल चीज़ क्या हम ज़िन्दगी तेरे नाम कर देंगें .
bahut hi badhiya hai satish jee..........
Comment by Admin on May 14, 2010 at 5:10pm
तुम्हारे नाम की ऐसी हंसी एक शाम कर देंगें .
रहोगे बेखबर कैसे तुम्हें बदनाम कर देंगें .

बहुत बढ़िया मापतपुरी जी , बढ़िया अभिव्यक्ति है, पर मोहबत मे बदनाम करना अच्छी बात नहीं है , हा हा हा हा हा , अच्छी रचना है , धन्यवाद,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"शेर क्रमांक 2 में 'जो बह्र ए ग़म में छोड़ गया' और 'याद आ गया' को स्वतंत्र…"
20 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"मुशायरा समाप्त होने को है। मुशायरे में भाग लेने वाले सभी सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार। आपकी…"
20 hours ago
Tilak Raj Kapoor updated their profile
20 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
20 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई जयहिन्द जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है और गुणीजनो के सुझाव से यह निखर गयी है। हार्दिक…"
20 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई विकास जी बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
20 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है।गुणीजनो के सुझाव से यह और निखर गयी है। हार्दिक बधाई।"
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। मार्गदर्शन के लिए आभार।"
21 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। समाँ वास्तव में काफिया में उचित नही…"
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, हार्दिक धन्यवाद।"
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई तिलक राज जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, स्नेह और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए…"
21 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय तिलकराज कपूर जी, पोस्ट पर आने और सुझाव के लिए बहुत बहुत आभर।"
21 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service