For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

होली आयी
खुशियां छायी
रंग बिखरे
संस्कृति के
स्नेह मिलन का
पर्व है होली
रंग-गुलाल देते सन्देश
प्रकृति के
विभिन्न रंगों का
कितनी भी जतन करो
रक्षा होती सदैव
सत्य की
असत्य सदैव
सत्य से हारा
रंग प्रतीक हैं
वसंतागमन का
जिस तरह
खिलते हैं
विभिन्न रंगों के फूल
वसन्त में
उसी तरह
बिखरते हैं रंग
होली पर्व में
खेलो होली मजे से
बुरी रीतियों से बचो
शराब पीना
होली के दिन
काला तेल डालना
रंग की जगह
कीचङ डालना
जुआ खेलना
बचना है
इन सब से
रंग लगाते समय
बचाव करो
आँखों का
क्योंकि
आँखेँ हैं अनमोल
होली पर्व है
खुशियों का
बिखेरो खुशियाँ
मत बिखेरो
कहीं पर ग़म
भुलाकर आपसी खटास
मन मिलाकर खेलो
परिवार संग होली
देता हूँ मैं भी
अपने सभी
आत्मीय जनों और
मित्रों को
शुभकामनाएँ
पावन पर्व
होली की।
- सतवीर वर्मा 'बिरकाळी'

Views: 579

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 28, 2013 at 5:53pm

सतवीर जी आपकी शुभकामनाये हम तक पहुँच गई हैं सुंदर प्रस्तुति व होली की हार्दिक बधाई|

Comment by Shanno Aggarwal on March 27, 2013 at 9:01pm

रचना पर बधाई व सभी को होली की ढेरों शुभकामनायें.  

Comment by सतवीर वर्मा 'बिरकाळी' on March 26, 2013 at 12:01pm
आ॰ डॉ॰ प्राची सिंह जी, आपने इस तरफ अच्छा सचेत किया। आगे से इस बात का ध्यान रखुंगा कि ये कमी ना आने पाए। अभी अभी तो मैं नौसिखिया हूँ। आप साहित्यकारों के मार्गदर्शन में रहकर सब सीख लूँगा। आभार।
Comment by सतवीर वर्मा 'बिरकाळी' on March 26, 2013 at 11:58am
आ॰ केवल प्रसाद जी, कविता पर प्रतिक्रिया देने के लिए आपका आभार और आपको भी सपरिवार होली की शुभकामनाएँ।

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on March 26, 2013 at 11:25am

होली की शुभकामनाएं आo सतवीर वर्मा जी
अतुकांत कविताओं में भावसम्प्रेषण के समय सपाटबयानी से बचना चाहिए, अन्यथा सरसता नहीं रहती ।
शुभकामनाएं

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on March 26, 2013 at 6:52am

आदरणीय सतवीर वर्मा विरकाळी जी, सुप्रभात!  बहुत ही सुन्दर संदेश!! आपको भी होली के पावन अवसर पर इंद्रधनु सी होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


प्रधान संपादक
योगराज प्रभाकर replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"गत दो दिनों से तरही मुशायरे में उत्पन्न हुई दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की जानकारी मुझे प्राप्त हो रही…"
3 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"मोहतरम समर कबीर साहब आदाब,चूंकि आपने नाम लेकर कहा इसलिए कमेंट कर रहा हूँ।आपका हमेशा से मैं एहतराम…"
39 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"सौरभ पाण्डेय, इस गरिमामय मंच का प्रतिरूप / प्रतिनिधि किसी स्वप्न में भी नहीं हो सकता, आदरणीय नीलेश…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय समर सर,वैसे तो आपने उत्तर आ. सौरब सर की पोस्ट पर दिया है जिस पर मुझ जैसे किसी भी व्यक्ति को…"
1 hour ago
Samar kabeer replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"प्रिय मंच को आदाब, Euphonic अमित जी पिछले तीन साल से मुझसे जुड़े हुए हैं और ग़ज़ल सीख रहे हैं इस बीच…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, किसी को किसी के प्रति कोई दुराग्रह नहीं है. दुराग्रह छोड़िए, दुराव तक नहीं…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"अपने आपको विकट परिस्थितियों में ढाल कर आत्म मंथन के लिए सुप्रेरित करती इस गजल के लिए जितनी बार दाद…"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय सौरभ सर, अवश्य इस बार चित्र से काव्य तक छंदोत्सव के लिए कुछ कहने की कोशिश करूँगा।"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"शिज्जू भाई, आप चित्र से काव्य तक छंदोत्सव के आयोजन में शिरकत कीजिए. इस माह का छंद दोहा ही होने वाला…"
10 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"धन्यवाद आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब "
10 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"धन्यवाद आ. सौरभ सर,आप हमेशा वहीँ ऊँगली रखते हैं जहाँ मैं आपसे अपेक्षा करता हूँ.ग़ज़ल तक आने, पढने और…"
10 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. लक्ष्मण धामी जी,अच्छी ग़ज़ल हुई है ..दो तीन सुझाव हैं,.वह सियासत भी कभी निश्छल रही है.लाख…"
10 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service