For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

झूठे वचन हैं जिसके ,भाषण जिसका काम !
खाये सबकी गालियाँ ,नेता उसका नाम !!


नेता उसका नाम,जो लूटकर ही खाये !
बेचकर शर्म लाज,स्वयं को सही बताये !!


दिखता बंदरबाट ,तो जनता क्यूँ न रूठे !
नहीं रहा विश्वास ,सभी नेता है झूठे!!

राम शिरोमणि पाठक "दीपक"
(मौलिक/अप्रकाशित )

Views: 375

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 2, 2013 at 3:45pm

इस प्रयास के लिए हार्दिक बधाई. विशेष भाई गणेश जी ने सुझाया ही है.

शुभेच्छाएँ

Comment by ram shiromani pathak on March 1, 2013 at 3:52pm

आदरणीय रविकर सर आशीर्वाद दिया करे.......हार्दिक आभार 

Comment by रविकर on March 1, 2013 at 3:36pm

बढ़िया है आदरणीय-

खोता है पंजाब में, बने यहाँ रँगदार |
नहीं ख़रीदे कभी कुछ, लेता सदा उधार |
लेता सदा उधार, द्वितीयक बने लुटेरा |
चरण तृतीय आय, हड़प लेता है डेरा |
निरा ढपोरी शंख, माँगने वाला रोता |
गर मौका पा जाय, नहीं फिर सत्ता खोता ||

Comment by ram shiromani pathak on March 1, 2013 at 2:08pm

आदरणीया प्राची मैम बस आपका स्नेह बना रहे,आपके सानिध्य में रहकर मै भी कुछ सीख सकूँ ,लिख सकूँ यही आशा करता हूँ !!
प्रणाम सहित हार्दिक आभार !!!!!!!!!!!!!

Comment by ram shiromani pathak on March 1, 2013 at 2:04pm

आदरणीय गणेश सर आपने अमूल्य सुझाव दिया मै इसके लिए हार्दिक आभारी हूँ ! यह मेरी पहली कोशिश थी ,थोड़ा इधर उधर होना स्वाभाविक था !
अपने तो इस कुंडलीया में जान दाल दी .............आशा करता हूँ आपका स्नेह मिलता रहेगा .......प्रणाम सहित हार्दिक आभार


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on March 1, 2013 at 12:41pm

वाह राम शिरोमणि पाठक जी, कुण्डलिया पर भी इतना सुन्दर प्रयास.

बहुत बहुत बधाई 

गेयता के लिए आदरणीय गणेश जी के द्वारा सुझाए सुन्दर परिवर्तन को गौर से देखें.. 

शुभेच्छाएं 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on March 1, 2013 at 12:28pm

शिरोमणि पाठक जी, आपकी कुण्डलिया को जरा इधर उधर किया है गेयता प्रदान करने के लिए ...जरा देखिये कुछ काम बनते दिख रहा क्या ?

झूठे हैं जिसके वचन, भाषण जिसका काम !
खाये सबकी गालियाँ, उसका नेता नाम !!

उसका नेता नाम, जो लूटे और खाये !
बेच शर्म औ लाज, सही को झूठ बताये !!

दिखता बंदरबाट, फिर क्यों न जनता रूठे !
रहा नही विश्वास, सभी नेता हैं झूठे!!

Comment by ram shiromani pathak on March 1, 2013 at 11:57am

आदरणीय सतवीर जी  हार्दिक आभार ...........

Comment by सतवीर वर्मा 'बिरकाळी' on March 1, 2013 at 10:42am
इस छंद के माध्यम से आपने नेता की कलई खोलकर रख दी राम शिरोमणी दीपक जी।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। आयोजन में सहभागिता को प्राथमिकता देते…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरना जी इस भावपूर्ण प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। प्रदत्त विषय को सार्थक करती बहुत…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त विषय अनुरूप इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। गीत के स्थायी…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपकी भाव-विह्वल करती प्रस्तुति ने नम कर दिया. यह सच है, संततियों की अस्मिता…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आधुनिक जीवन के परिप्रेक्ष्य में माता के दायित्व और उसके ममत्व का बखान प्रस्तुत रचना में ऊभर करा…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय मिथिलेश भाई, पटल के आयोजनों में आपकी शारद सहभागिता सदा ही प्रभावी हुआ करती…"
4 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ   .... बताओ नतुम कहाँ होमाँ दीवारों मेंस्याह रातों मेंअकेली बातों मेंआंसूओं…"
7 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ की नहीं धरा कोई तुलना है  माँ तो माँ है, देवी होती है ! माँ जननी है सब कुछ देती…"
21 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय विमलेश वामनकर साहब,  आपके गीत का मुखड़ा या कहूँ, स्थायी मुझे स्पष्ट नहीं हो सका,…"
22 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय, दयावान मेठानी , गीत,  आपकी रचना नहीं हो पाई, किन्तु माँ के प्रति आपके सुन्दर भाव जरूर…"
22 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय दयाराम मैठानी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service